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बीजेपी और कांग्रेस गुटबाजी से जूझ रही है…

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भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या लगभग 70,000 है। जाट समाज का दावा है कि इस बार वे केवल जाट उम्मीदवार को ही अपना वोट देंगे। अब देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस किसे चुनाव टिकट देती है।

राजस्थान राजनीति: विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही, राजनीतिक दलों ने विभिन्न तरीकों से अपनी प्रचार यात्राएं शुरू की हैं। कुछ दलों ने दंडवत देव दर्शन आयोजित किए हैं, जबकि दूसरे युवाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। उदाहरण के रूप में, भरतपुर संभाग के सवाई माधोपुर से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने देव दर्शन यात्रा शुरू की है। वहीं, कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेता अपने खर्चे से क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा रहे हैं। कुछ प्रत्याशी अभी से अपने समर्थकों को संगठित करके, गांव-गांव और गली-गली जाकर जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं।

कैसे निबटंगे गुटबाजी से 

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश में गुटबाजी और आपसी विवाद के चलते कार्यकर्ताओं के नेतृत्वी पद खाली पड़े हैं और कई जिलों में जिला अध्यक्ष की भी कमी है। इससे पहले कि संगठन में नये नियुक्तियां हों, आपसी गुटबाजी को कम करना जरूरी है। सचिन पायलट अपने गुट के नेता सचिन की ओर देख रहे हैं और वह विधानसभा चुनाव के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर विचार कर रहे हैं। कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए गए सह प्रभारी प्रत्येक जिले में जाकर फीडबैक ले रहे हैं, हालांकि प्रदेश में इन सह प्रभारियों के बीच नाराजगी की संकेत मिल रही है।

कांग्रेस की सह प्रभारी अमृता धवन भरतपुर संभाग में दौरे पर पहुंची हैं और उन्हें वहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि यह कांग्रेस का पारिवारिक मामला है और अगर कार्यकर्ताओं की किसी बात को लेकर नाराजगी है तो सभी मिलकर उसे सुलझा लेंगे। कांग्रेस के प्रवक्ता दावा कर रहे हैं कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सुलह हो गई है और वे मिलकर विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को जीतने के लिए संगठन की मेहनत करेंगे। हालांकि, इसमें बताया नहीं गया है कि दोनों नेताओं के बीच सुलह के लिए कौनसी दिशा निर्देशिका का पालन किया जाएगा।

बीजेपी में भी है गुटबाजी 

कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों में आपसी खींचतान की बात आमतौर पर कही जाती है। आपके द्वारा बताए गए तथ्यों के अनुसार, कांग्रेस में वाकई सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच आपसी खींचतान हो रही है, जबकि भाजपा में बूथ स्तर से लेकर बड़े पदाधिकारियों तक गुटबाजी का मामला है। वसुंधरा राजे समर्थक कार्यकर्ताओं को पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखा जाना दिखाई देता है।

आपके बयान के अनुसार, भारत सरकार द्वारा चलाए गए ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के तहत शुरू हुई क्रिकेट प्रतियोगिता को बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने उद्घाटन किया। इस दौरान, बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं के साथ सांसद रंजीता कोली के अलावा कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं था।

जाटों की नाराजगी

भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या के आधार पर आपका दावा सही हो सकता है। इसके बावजूद, दोनों पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में जाट समाज के व्यक्ति को विधानसभा सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। इससे जाट समाज ने अपनी मांग जताई है कि वे जाट प्रत्याशी को ही अपना वोट देंगे। वे एक ऐसे उम्मीदवार की खोज में हैं जो जाट समाज की मांगों को समझता हो और उन्हें प्रतिनिधित्व कर सके।

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