ब्रिटिश सरकार, जिसकी अगुवाई वाले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं, ने रूस-यूक्रेन टेंशन के बीच निर्णय लिया है कि वे रूस से हीरे, तांबे, एल्यूमीनियम और अन्य कई धातुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाएंगे।
रूस पर ब्रिटिश प्रतिबंध: ब्रिटेन सरकार, जिसकी अगुवाई में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं, यूक्रेन को रूसी सेना के प्रतिरोध में सहायता देने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों के साथ मिलकर सैन्य और आर्थिक मदद प्रदान कर रही है। साथ ही, वे रूस पर भी विभिन्न प्रतिबंधों को लागू कर रही हैं। इस दिशा में, ब्रिटिश सरकार ने अब घोषणा की है कि वे रूस से हीरे के आयात पर प्रतिबंध लागू करेंगे। यह फैसला यूक्रेन का समर्थन करने के माध्यम से लिया गया है। इस प्रतिबंध के अनुसार, ब्रिटेन रूस से हीरे, तांबे, एल्यूमीनियम और अन्य धातुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाएगी। इसके अलावा, ब्रिटेन ने ऊर्जा, धातु और शिपिंग उद्योग सहित रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के मिलिट्री इंडस्ट्रियल एरिया से जुड़े 86 व्यक्तियों और कंपनियों को भी निशाना बनाया है।
G-7 देश आज कर सकते हैं कड़े प्रतिबंधों की घोषणा
मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बताया है कि ब्रिटेन G-7 देशों के साथ मिलकर सभी प्रकार के प्रतिबंधों के सामने लाने के लिए काम कर रहा है। G-7 में ब्रिटेन के साथ जापान, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और इटली भी शामिल हैं। इन देशों के नेताओं ने आज, अर्थात 19 मई को हिरोशिमा में आयोजित ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) सम्मेलन की शुरुआत की है। रिपोर्टों के अनुसार, G-7 देशों के नेताओं का एक मुख्य उद्देश्य रूस पर कड़े प्रतिबंधों की घोषणा करना हो सकता है।
‘रूस की 70 कंपनियों और संगठनों को ब्लैकलिस्ट करेंगे’
यह खबर अमेरिकी अधिकारी द्वारा बताई गई घोषणा के बारे में है, जिसमें बताया गया है कि अमेरिका रूस के सामानों की पहुंच को व्यापक रूप से प्रतिबंधित करने के लिए नए प्रतिबंधों की घोषणा करेगा। उन्होंने इस वर्ष G-7 में से संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य लक्ष्यों के बारे में भी बताया है। यूक्रेन के लिए साझा और निरंतर समर्थन दिखाना उनका मुख्य ध्यान रहेगा। अमेरिका योजना बना रहा है कि वे रूस की लगभग 70 कंपनियों और संगठनों को काली सूची में शामिल करें। यह सावधानी उठाई जा रही है ताकि रूस पर दबाव बढ़ाए जा सके।