ब्राजील में एक महिला को जिंदा दफन करने का घटनाक्रम सामने आया है। उस महिला को 11 दिनों तक ताबूत में बंद किया गया था, जिसकी खबर समाचार में आई है।
महिला को जिंदा दफनाया गया: ब्राजील में एक महिला को गलती से जिंदा दफन दिया गया। इस घटना के अनुसार, वह महिला 11 दिनों तक एक ताबूत में बंद रही, जहाँ उसकी स्थिति बेहद खराब थी। उसने बची-खुची ताकत का इस्तेमाल करके खुद को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन 11 दिनों बाद उसे कब्र से बाहर निकाला गया। इस महिला का नाम रोसांगेला अल्मेडा डॉस सैंटोस था और वह 37 वर्षीय थी।
रोसांगेला ने कब्र से बाहर निकलने की कोशिश करते समय हथेली पर चोट भी आई। उसने चिल्लाकर मदद की, लेकिन उसकी आवाज़ एक हफ्ते से अधिक सुनने वाले कोई नहीं था। जब उसे ताबूत से बाहर निकाला गया, तो उसकी कब्र में खून की दिखाई दी। रोसांगेला की दफनाई गई थी रियाचाओ दास नेवेस कब्रिस्तान में।
कैसे जिंदा बची महिला?
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, कब्रिस्तान के आसपास निवास करने वाले लोगों ने रिपोर्ट की कि उन्होंने रियाचाओ की कब्र से लगातार चिल्लाने की आवाजें सुनी हैं। इसके बाद परिवार ने तुरंत कार्रवाई की और रियाचाओ की कब्र खोदने की प्रक्रिया शुरू की। लोगों ने इस कार्रवाई में मदद की और ताबूत को बाहर निकाल दिया। ताबूत का ढक्कन खोलने पर उन्होंने देखा कि रियाचाओ जिंदा है।
रियाचाओ का शरीर उस समय भी गरम था। ताबूत से बाहर निकलने के बाद, लोगों ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया और उसे अस्पताल ले गए। उसके हाथ और पैर पर चोट के निशान थे, जिससे माना जा रहा है कि वह ताबूत से निकलने की कोशिश कर रही थी और उसी कार्रवाई के दौरान उसे चोटें आई होंगी। हालांकि, दुखद बात यह है कि रियाचाओ की हालत इतनी खराब थी कि उसकी मौत अगले दिन हो गई।
किस वजह से हुई जिंदा दफनाने की गलती?
रियाचाओ के मौत प्रमाणपत्र में दर्ज किया गया है कि उसकी मौत दो बार हार्ट अटैक और आंगों के काम करने में असमर्थता के कारण हुई। उसके शादीशुदा थे, लेकिन उनके बच्चे नहीं थे। रियाचाओ को सात साल की उम्र से ही अचानक चक्कर आने की समस्याएं थीं और वह इसके लिए दवाएं भी ले रही थीं। माना जाता है कि शायद उसके चक्कर आने के वजह से उसकी हालत बिगड़ी और उसे बेहोश होना पड़ा, जिसके चलते लोग उसे मृत समझकर दफना दिया।