भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन संपन्न हो गया है और सेंगोल को स्पीकर की कुर्सी के पास स्थापित किया गया है। इस मौके पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी की सरकार पर तीखा हमला बोला है।
संसद भवन का उद्घाटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कल नए संसद भवन का उद्घाटन किया है, जबकि विपक्षी नेताओं ने इसके खिलाफ आपत्ति जाहिर की थी। उद्घाटन कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी को संसद के पुजारियों ने सेंगोल दिया और पीएम मोदी ने सेंगोल को साष्टांग दंडवत प्रणाम किया। वदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन कार्यक्रम के बीच पीएम मोदी ने सेंगोल को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया। हालांकि, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा ने इस उद्घाटन कार्यक्रम का राष्ट्रपति के हाथों नहीं करवाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। अखिलेश यादव ने पूछा कि ऐसे उद्घाटन कार्यक्रम में जाने का क्या फायदा होगा।
‘बीजेपी सरकार ब्राह्मणवाद के पैरों में नतमस्तक’
स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा बीजेपी सरकार पर हमले के बारे में आपने सही जानकारी प्रदान की है। उन्होंने अपने बयान में व्यक्त किया है कि वे सेंगोल राजदंड की स्थापना के माध्यम से बीजेपी सरकार को ब्राह्मणवाद के प्रति नम्रतापूर्वक बनाया जा रहा हैं, जो लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा के लिए चेतावनी दी है। पहले भी उन्होंने सेंगोल की स्थापना पूजन में सिर्फ दक्षिण पंथी ब्राह्मणों को शामिल किया जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि ऐसे कार्यक्रम में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए था।
स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव के बयानों के आधार पर यह स्पष्ट है कि उन्होंने सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाए जाने को अपरिहार्य दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। यह उनकी मान्यता है कि ऐसे कार्यक्रमों में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करना चाहिए और लोकतंत्रातिक परंपराओं को सम्मान देना चाहिए। उन्होंने विपक्ष के अपमान करने, नफरत की राजनीति करने और जनता को झूठ बोलने वालों के कार्यक्रमों में शामिल होने का आवश्यकता को सवाल उठाया है। उनका मानना है कि इससे केवल अपमान होता है और लोकतंत्र पर संकट पैदा हो सकता है।