चेन्नई के थिरुविदंदई से आज पहला रीयूजेबल हाइब्रिड रॉकेट, RHUMI 1, लॉन्च किया गया। इस हाइब्रिड रॉकेट को स्टार्ट-अप स्पेस जोन इंडिया ने मार्टिन ग्रुप की सहायता से विकसित किया है।
मिशन रूमी 2024: भारत ने अपना पहला रीयूजेबल हाइब्रिड रॉकेट, RHUMI 1, 24 अगस्त को चेन्नई के थिरुविदंदई से लॉन्च किया। यह घटना देश की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। RHUMI 1 तीन क्यूब सैटेलाइट और 50 PICO सैटेलाइट वाले पेलोड को एक सबऑर्बिटल ट्रेजेक्टरी में भेजेगा। इसे तमिलनाडु स्थित स्टार्ट-अप स्पेस जोन इंडिया ने मार्टिन ग्रुप की सहायता से विकसित किया है।
RHUMI 1 में कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण एडजस्टेबल लॉन्च एंगल की सुविधा है। इसके माध्यम से रॉकेट को 0 से 120 डिग्री तक किसी भी कोण पर सेट किया जा सकता है, जिससे इसकी ट्रेजेक्टरी पर सटीक नियंत्रण बनाए रखा जा सकता है।
जानें क्यों खास है RHUMI 1
RHUMI 1 में CO2-ट्रिगर पैराशूट सिस्टम शामिल है, जो इसे एक इको-फ्रेंडली और लागत-कुशल समाधान बनाता है। यह सिस्टम लॉन्च के बाद रॉकेट के कॉम्पोनेंट्स को सुरक्षित रूप से रिकवर करने में मदद करता है। RHUMI 1 का उपयोग रिसर्च के अलावा कृषि, पर्यावरण निगरानी, और आपदा प्रबंधन में भी किया जा सकता है। RHUMI सीरीज में तीन मॉडल हैं: RHUMI-1, RHUMI-2, और RHUMI-3, जो 1 किमी से लेकर 500 किमी तक की ऊंचाई पर जा सकते हैं।
यह परियोजना स्पेस जोन इंडिया और मार्टिन ग्रुप के बीच तीसरी साझेदारी है। दोनों के बीच सहयोग 2021 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने 1,200 छात्रों द्वारा विकसित 100 FEMTO सैटेलाइट का सफल लॉन्च किया था। इसके बाद, 2023 में, उन्होंने 2,500 से अधिक छात्रों द्वारा विकसित 150 PICO सैटेलाइट रिसर्च एक्सपेरिमेंट क्यूब्स ले जाने वाले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के डिजाइन और निर्माण में भी योगदान किया।