महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति दोनों गठबंधन पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी संदर्भ में, बीजेपी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: इस साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जो इस बार विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीधी प्रतिस्पर्धा होगी, और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चुनावी तैयारियों में जुटे हैं।
इसी बीच, बीजेपी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने एकमात्र बौद्ध मंत्री किरेन रिजिजू को चुनावी मैदान में उतारा है।
किरेन रिजिजू पर बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा ने किरेन रिजिजू को ‘मराठी बौद्ध’ समुदाय को आकर्षित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है, जो असंतुष्ट और नाराज हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, महाराष्ट्र में मराठी बौद्धों की आबादी 5.81% है, जो भारत में कुल बौद्ध आबादी का 77% है। इस प्रकार, बीजेपी की रणनीति इस समुदाय के सदस्यों को अपनी ओर आकर्षित करने पर केंद्रित है।
लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलित बौद्ध संगठनों ने किया था
लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र में NDA का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। 48 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में बीजेपी की स्थिति बेहद निराशाजनक रही, जहां वह सिर्फ 9 सीटें ही जीत पाई। पूरे एनडीए ने मिलकर केवल 17 सीटें हासिल कीं। इस दौरान, 48 विभिन्न दलित बौद्ध संगठनों ने महाविकास अघाड़ी का समर्थन किया, जिससे बीजेपी को नुकसान हुआ।
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी पर संविधान में बदलाव के आरोप लगे थे, जिसके चलते मराठी बौद्ध समुदाय पार्टी से दूर हो गया। अब बीजेपी की कोशिश है कि किरेन रिजिजू को आगे करके इस समुदाय का विश्वास जीत सके और उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर सके।