इस मामले में ईडी ने पिछले 16 महीनों से जांच की है और अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस ऐप के माध्यम से लगभग 6 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का अनुमान लगाया गया है।
महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला नवीनतम समाचार: छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव बेटिंग ऐप सट्टा मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। इस संबंध में एक अधिसूचना सोमवार (26 अगस्त 2024) को जारी की गई। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री और उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुष्टि की कि अब यह मामला CBI के अधिकार क्षेत्र में रहेगा, जो विदेशी स्तर पर संचालित मास्टरमाइंड की जांच करेगी।
इस मामले की जांच पिछले 16 महीनों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही थी। जांच के दौरान कई प्रमुख व्यक्तियों, जिसमें पूर्व कांग्रेस मंत्री, राज्य पुलिस अधिकारी और प्रमुख संपत्ति डीलर शामिल हैं, के संबंध उजागर हुए हैं। यह बीरनपुर और CGPSC घोटालों के बाद भाजपा सरकार द्वारा CBI को सौंपा गया तीसरा प्रमुख मामला है।
सभी दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई- डिप्टी सीएम
महादेव बेटिंग ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म था, जिसमें यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, और चांस गेम्स जैसे लाइव गेम्स खेल सकते थे। इसके अलावा, इस ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। यह ऐप अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए तेजी से फैल गया और सबसे अधिक खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए।
इस ऐप के माध्यम से एक बड़ा घोटाला हुआ, जिसमें अनुमानित तौर पर छह हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम भी सामने आया है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस मामले की जांच में कोई ढील न देने और सख्ती से कार्रवाई की बात की है। फरार आरोपियों को विदेशों से वापस लाने की कोशिश की जाएगी और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।