कोटा शहर पुलिस ने एक संस्था के साथ मिलकर बच्चों को साइबर अपराधों की जानकारी दी है, उन्हें जागरूक किया है, और मोबाइल उपयोग करते समय आवश्यक सावधानियों के बारे में बताया है।
कोटा शहर पुलिस एक संस्था के साथ मिलकर बच्चों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक कर रही है। उन्हें मोबाइल चलाते समय किन चीजों से बचना चाहिए, इसकी जानकारी भी दी जा रही है। कोटा शहर पुलिस ने अब तक 20 स्कूलों में लगभग 5 हजार बच्चों को जागरूक किया है। इन स्कूलों में बच्चों को कार्यशालाओं और लाइव डेमों के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उन्हें मोबाइल से होने वाले नुकसान से बचने के तरीके सीखाए जा सकें।
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जिला पुलिस कोटा शहर और लायंस क्लब कोटा नोर्थ चैरिटेबल सोसायटी के साथ मिलकर आर्थिक और साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसका पुलिस अधीक्षक कोटा शहर, श्री शरद चौधरी, के निर्देशन में हो रहा है। यह कार्यशाला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई है।
पुलिस साइबर क्राइम एक्सपर्ट प्रताप सिंह शेखावत और लायंस क्लब कोटा नोर्थ चैरिटेबल सोसायटी के अध्यक्ष वरुण रस्सेवट की उपस्थिति में हजारों बच्चों को साइबर जागरूक किया गया है। वरुण रस्सेवट ने बच्चों को माता-पिता की सुनने की सलाह दी, सुरक्षित रहने का महत्व बताया, और उन्हें शिक्षा के माध्यम से अनुशासन में रहने के महत्व को समझाया। उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि शिक्षकों का भी महत्व होता है और उनके जीवन में कैसे अहमियत रखते हैं।
वरुण रस्सेवट ने बताया कि बच्चों को समझाने के लिए कि जब वे फेसबुक, व्हाट्सएप, और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर फोटो और वीडियो डालते हैं, तो उनका व्यक्तिगत जानकारी कैसे अपराधिक उपयोग हो सकता है, उन्हें इसके बारे में जागरूक किया गया है।
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साइबर एक्सपर्ट प्रताप सिंह शेखावत ने बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान की और उन्हें स्वयं को साइबर क्राइम से कैसे बचाना चाहिए के तरीके बताए। उन्होंने बच्चों को यह सिखाया कि उन्हें सकारात्मक एक्शन लेने की आवश्यकता है और वे स्वयं को सुरक्षित रखने के तरीकों को अपनाने की कला सीखें, और उन्हें किस प्रकार साइबर क्राइम से बचाया जा सकता है यह भी बताया। उन्होंने बच्चों को संतुष्ट रहने की सलाह दी और उन्हें यह समझाया कि वे किसी भी परिस्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें और सुरक्षित रहें।
बच्चों को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया गया कि यह एक अपराध होता है और उन्हें इससे कैसे बचाया जा सकता है, और उन्हें यह सिखाया गया कि अपना एटीएम पिन या ओटीपी किसी से शेयर नहीं करना चाहिए। उन्हें अनजान व्यक्तियों से सावधान रहने की सलाह दी और उन्हें बताया गया कि कैसे वे आनलाइन ठगी और पोर्न वेबसाइट से बच सकते हैं।
इस कार्यशाला के दौरान, विद्यालय के बच्चों से साइबर क्राइम के विभिन्न पहलुओं पर प्रश्नोत्तरी की गई और उनके पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दिया गया।