यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपने पति की रिहाई की अपील की है। मुशाल हुसैन ने पत्र में यह भी लिखा कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
यासीन मलिक: जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख और आतंकी फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी, मुशाल हुसैन मलिक ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में मुशाल हुसैन ने अपने पति को बेकसूर बताते हुए उनसे यासीन मलिक का मामला संसद में उठाने की अपील की है। उन्होंने राहुल गांधी से यह भी अनुरोध किया कि वह यासीन मलिक की रिहाई के लिए कदम उठाएं, क्योंकि उनका मानना है कि यासीन जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
इस पत्र पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह पत्र उस व्यक्ति को लिखा गया है, जो किसी के हितैषी हो। नकवी का कहना था कि इस पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस हमेशा से अलगाववादी नेताओं का समर्थन करती रही है। उन्होंने मुशाल हुसैन के इस कदम को कांग्रेस के सुर में सुर मिलाना बताते हुए इसे देश के संविधान और सुरक्षा के खिलाफ बताया।
यासीन के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में चार्जशीट दायर
मुशाल हुसैन मलिक ने अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि उनके पति यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यासीन मलिक और अन्य आरोपियों के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें फांसी की सजा की मांग की गई थी। इसके बाद, 2022 में अदालत ने यासीन मलिक को उम्रभर की सजा सुनाई। इस मामले में मुशाल हुसैन का कहना है कि बीजेपी और एनआईए सरकार ने जानबूझकर उनके पति को प्रताड़ित किया और उनके खिलाफ 35 साल पुराने मामले में मुकदमा चलाया जा रहा है।
मुशाल हुसैन ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यासीन मलिक वर्तमान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, जो उन्होंने 2 नवंबर 2024 को शुरू की थी। उनका कहना है कि मलिक की इस भूख हड़ताल से उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। मुशाल का कहना है कि यासीन मलिक वह शख्स हैं जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर अहिंसा की राह अपनाई, और अब उनकी जिंदगी खतरे में है।
मुशाल हुसैन, जो मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर सक्रिय रही हैं, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकार भी रह चुकी हैं। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने यासीन मलिक के लिए न्याय की अपील की है और उनका मानना है कि उनकी रिहाई के बाद वह देश में शांति स्थापित करने के लिए योगदान दे सकते हैं।