खुलासा हुआ है कि रूस-यूक्रेन जंग के दौरान रूस के सैनिक यूक्रेनी कैदियों को प्रताड़ित कर रहे हैं। यह जंग डेढ़ साल से जारी है।
रूस यूक्रेन युद्ध: यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष के बीच रूस के खिलाफ एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट टीम ने यूक्रेनी कैदियों को रूस के सैनिकों द्वारा जमकर प्रताड़ित किया जाने का दावा किया है। रूस के कब्जे वाले दक्षिणी यूक्रेन में अस्थायी हिरासत केंद्रों में बड़ी संख्या में कैदियों को यातना और यौन उत्पीड़न का शिकार होने की खुलासा हुई है। यूक्रेनी अधिकारियों ने युद्ध अपराधों की 97,000 से अधिक रिपोर्टों की समीक्षा की है और 220 संदिग्धों के खिलाफ घरेलू अदालतों में आरोप दायर किए हैं। इस मामले में उच्च स्तरीय अपराधियों के खिलाफ आईसीसी में मुकदमा चला सकता है। क्रेमलिन ने रूसी सैन्य अभियान के सैनिकों द्वारा युद्ध अपराधों के आरोपों को लगातार इनकार किया है।
महिलाओं के साथ किया जा रहा बलात्कार
मोबाइल जस्टिस टीम ने अपने नवीनतम रिपोर्ट में खेरसॉन क्षेत्र के 35 स्थानों का जिक्र किया है और दावा किया है कि टीम ने 320 मामलों पर काम किया है। इससे पहले, उन्होंने गवाहों से पूछताछ की है और यहां उजागर किया है कि अधिकांश हिरासत केंद्रों में यूक्रेनी कैदियों को विभिन्न तरीकों से यातनाएं दी जा रही हैं। वे उनके साथ भयावह स्तर पर यौन हिंसा कर रहे हैं और महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं। रिपोर्ट में एक पीड़िता को दूसरे बंदी का बलात्कार देखने के लिए मजबूर किया जाने का भी उल्लेख किया गया है।
कैदियों को दिए जा रहे बिजली के झटके
जनवरी में रॉयटर्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया था कि यूक्रेनी कैदियों को बिजली के झटके दिए जा रहे हैं और उन्हें ऐसे कमरों में रखा गया है जिनमें आम इंसान का दम घुट जाए। यूक्रेनी अधिकारियों ने उस समय कहा था कि लगभग 200 लोगों को कथित तौर पर अवैध रूप से रखा गया है। इस रिपोर्ट पर क्रेमलिन और रूस के रक्षा मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया था और रॉयटर्स के सवालों का जवाब भी नहीं दिया गया था। यह रिपोर्ट यूक्रेनी कैदियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को उजागर करने में महत्वपूर्ण थी और इससे रॉयटर्स ने उन्हें गहरे संदेह के तहत जाँचने की मांग की थी।