उत्तर प्रदेश में विपक्ष में एकता की चर्चा के बीच नए गठबंधन की संभावनाएं बढ़ रही हैं। जयंत चौधरी ने अब कांग्रेस के साथ शामिल होने के संकेत दे दिए हैं।
यूपी समाचार: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय ने उत्तर प्रदेश में उठापटक संबंधित की है। बीजेपी के कई विरोधी दलों ने कांग्रेस के साथ मिलना शुरू कर दिया है। इसके बाद समीकरण में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है, जिससे आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर चर्चा आरंभ हुई है। इसमें अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
सूत्रों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी (RLD) ने कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने का निर्णय लिया है। पहले निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ तकरार हुई थी, और इसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने शपथ ग्रहण किया। जयंत चौधरी ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए भी भूमिका निभाई है। इस समारोह से दूर रहने का फैसला अखिलेश यादव ने भी लिया है।
क्या बोले RLD नेता?
सूत्रों के मुताबिक, जयंत चौधरी का मानना है कि उन्हें अखिलेश यादव को भी इस गठबंधन में शामिल करना चाहिए। आरएलडी नेता त्रिलोद त्यागी ने भी इस बारे में अपनी बात कही है और कहा है कि सीटों के मसले पर बातचीत होगी। यह गठबंधन बनाने में कांग्रेस और अखिलेश यादव दोनों की बातचीत का विषय बनेगा।
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यूपी में विपक्षी एकता की कोशिश आसान नहीं होगी। कर्नाटक में नई सरकार के शपथ ग्रहण में जयंत चौधरी शामिल हुए हैं, लेकिन सपा का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था। अखिलेश यादव ने सैफई में रहकर शपथ ग्रहण में नहीं हिस्सा लिया था क्योंकि उनकी ताई का निधन हो गया था। सपा का कोई प्रतिनिधि भी शपथ ग्रहण के दौरान उपस्थित नहीं था।
राजस्थान में कांग्रेस और रालोद का गठबंधन पहले से ही मौजूद है, जो इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में बरकरार रहेगा। निकाय चुनाव ने सपा और रालोद के गठबंधन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न की है। अब अन्य राज्यों के मामले में, रालोद कांग्रेस के साथ जाने का फैसला कर सकती है ताकि वह अपनी स्थिति को मजबूत कर सके।