उत्तर प्रदेश में करीब पांच साल की देरी के बाद पुलिस भर्ती परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। इसके बाद, इसमें सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को कोई छूट नहीं दी गई थी, जिसके खिलाफ छात्र विरोध प्रकट कर रहे थे।
यूपी पुलिस भर्ती आयु में छूट: उत्तर प्रदेश में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए पुलिस ने भर्ती परीक्षा आयोजित की है, लेकिन इस भर्ती परीक्षा में राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए कोई छूट नहीं दी थी, जिसके खिलाफ ये सभी छात्र विरोध कर रहे हैं।
इस विरोध के कारण, इन छात्रों ने सोशल मीडिया पर सवर्ण वर्ग के छात्रों को छूट नहीं मिलने के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हैशटैग #सर्वणएमएलएगूंग_हैं का उपयोग किया है।
शर्म करें सवर्ण नेता
एक अभ्यर्थी ने उम्र सीमा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को छूट नहीं दिए जाने पर लिखा है, “सवर्ण नेताओं, शर्म करो! अब तो कम से कम मुंह खोलो, आखिर कब तक मूक दर्शक बने रहोगे।”
दूसरे अभ्यर्थी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, “सामान्य वर्ग के इतने विधायक राज्य में चुने गए हैं, लेकिन किसी ने भी इस बात का विरोध नहीं किया। हालांकि राज्य सरकार ने इन अभ्यर्थियों की आवाज को सुन लिया है। मंगलवार (26 दिसंबर 2023) की शाम को योगी सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में छूट देने का फैसला किया है।”
योगी सरकार ने क्या फैसला किया है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं की मांग को जायज मानते हुए, आरक्षी नागरिक पुलिस के पद पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के युवाओं के लिए आयु सीमा में तीन साल की छूट दे दी है। मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर घोषणा करते हुए कहा, ‘युवाओं के हितों और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आपकी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसी क्रम में पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती के लिए जारी प्रक्रिया में सभी वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का फैसला किया गया है।’