आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ की गई समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। इस बैठक में 2023-24 के लिए 50,000 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है।
शराब नीति समाचार: यूपी आबकारी विभाग ने विभागीय समीक्षा बैठक की, जिसमें मंत्री नितिन अग्रवाल सहित विभाग के सभी अधिकारी शामिल थे। इस बैठक में राजस्व को बढ़ाने के साथ-साथ सीमावर्ती जनपदों में और अधिक सतर्कता बरतते हुए अंतर्राष्ट्रीय शराब की तस्करी पर निगरानी बनाए रखने, प्रवर्तन कार्यों में और तेजी से नियंत्रित किए जाने वाले विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही, दुकानों पर निर्धारित मूल्य पर शराब की बिक्री को सुनिश्चित करने पर भी चर्चा हुई।
पिछले साल से अधिक राजस्व मिला
नवम्बर महीने में प्रदेश में प्राप्त हुए 27,340.97 करोड़ राजस्व का अंकल, पिछले साल के 24,958.50 करोड़ के मुकाबले, लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। इसके तत्वावधान में, अब तक इस वितर्क की सीमा से देखें जा रहे पिछले साल से 2,382.47 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री ने राजस्व की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि 2023-24 में आबकारी विभाग को पिछले तय किए गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संभव प्रयास करना चाहिए। इस वर्ष का लक्ष्य लगभग 50,000 करोड़ रुपये था।
21 साल के कम उम्र के लोगों को न परोसी जाए शराब
बैठक में निर्णय लिया गया है कि 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को किसी भी स्थिति में बार या शराब की दुकानों से शराब परोसने या बिक्री करने पर रोक लगाई जाएगी। हाल के दिनों में कई स्थानों पर बच्चों को शराब परोसने पर यह निर्देश जारी किया गया है।
शराब की तस्करी रोकने के लिए विशेष निर्देश
जनपद आगरा, मथुरा, लखनऊ हाईवे के माध्यम से बुंदेलखंड हाईवे को पार करते हुए सोनभद्र की दिशा में, खासकर मिर्जापुर क्षेत्र में, शराब की तस्करी पर विशेष नजर रखने के लिए निर्देश जारी किया गया है। इस संबंध में, जीएसटी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से सहयोग प्राप्त करने का भी आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीमों को भी सतर्क रहने और प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।