मल्लिकार्जुन खरगे की टीम में सचिन पायलट को शामिल करने की योजना बना रखी गई है, जो सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच की लड़ाई को समाप्त करने का नया रास्ता साबित हो सकता है।
राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट: जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सीएम सचिन पायलट के बीच चल रहे सियासी संग्राम को शांत करने की तैयारी की जा रही है। पार्टी आलकमान द्वारा पायलट को राष्ट्रीय महासचिव के पद पर नियुक्त करने का फैसला किया गया है, जिससे पायलट को कांग्रेस पार्टी की टॉप लीडरशिप में शामिल किया जाएगा। यह भी तय किया गया है कि पायलट को कांग्रेस की 35 नेताओं की टीम में सम्मिलित किया जाएगा। इसके माध्यम से पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य करने का अवसर प्रदान करना चाहती है।
बनाया जा सकता है किसी भी राज्य का प्रभारी
सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है और उन्हें किसी बड़े राज्य के प्रभारी के रूप में भी नियुक्त किया जा सकता है। यह संभव है कि पायलट को उन सीटों का प्रचार करने के लिए उपयोग किया जाएगा जहां उनका प्रभाव मजबूत है। इस निर्णय के बारे में उन्हें अंदरखाने में बताया गया है और एआईसीसी के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय टीम के फेरबदल की घोषणा एक साथ की जाएगी। पायलट के नाम की अकेली घोषणा नहीं की जाएगी, बल्कि खरगे अपनी टीम की एक साथ घोषणा करेंगे।
गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा चुनाव
राहुल गांधी समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं का मानना है कि चुनाव में सेनापति बदलने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए, यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। यद्यपि कांग्रेस के पास चुनाव में कोई नया चेहरा नहीं होगा, लेकिन अशोक गहलोत जैसे मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने चुनाव में कांग्रेस का प्रतीक होने का दावा किया है।
टिकट वितरण में पायलट की राय भी होगी अहम
राजस्थान चुनाव में, सचिन पायलट के अल्पसंख्यक समर्थकों की राय को टिकट वितरण के समय महत्व दिया जाएगा। पायलट के प्रभाव के साथ जुड़ी सीटों पर उनकी सहमति के आधार पर उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा। यह माना जाता है कि पायलट का प्रभाव 40 से 45 सीटों पर महत्वपूर्ण है। इससे पायलट के समर्थकों को पार्टी की योजनाओं में सहयोग देने का मौका मिलेगा।