रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए हुई बैठक में रूस को बुलाया नहीं गया था। इस बैठक के बाद, रूस ने खुद अपना बयान जारी किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध: रूस-यूक्रेन युद्ध के 1.5 साल तक चलने के बाद भी इसके खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। दुनियाभर में इस युद्ध को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें शांति प्रयास भी शामिल हैं। इसी कड़ी में, हाल ही में खाड़ी के प्रमुख देश सऊदी अरब में अंतरराष्ट्रीय नेताओं की एक बैठक हुई, लेकिन इस बैठक में रूस को शामिल नहीं किया गया। रूस ने इस बैठक की बयान जारी करके इसे निंदा किया है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान को खोजने के लिए सऊदी अरब में हुई बैठक की आलोचना की। मंत्रालय के तरफ से यह दावा किया गया कि इस बातचीत का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि रूस को इसमें शामिल नहीं किया गया था। वहीं, यूक्रेन को इस बातचीत का अभियांत्रिक तरीके से हिस्सा बनाया गया था। इसके कारण रूस सऊदी अरब से नाराज हो गया है।
क्या था सऊदी अरब में हुई बैठक का मकसद?
दरअसल, सऊदी अरब के जेद्दा शहर में दो-दिवसीय बैठक का आयोजन हुआ था। इसमें दुनियाभर के 40 देशों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जहां उन्होंने यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की खोज पर चर्चा की। इस बैठक का मकसद था कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 17 महीने से चल रही जंग को खत्म करने के लिए प्रमुख सिद्धांतों पर आम सहमति बनाई जाए। इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना गया था, जिससे राष्ट्रों के बीच समझौते की कोशिश की जा रही थी।
रूस ने क्या कहा?
रूस के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, सऊदी अरब में हुई बैठक में रूस को बैठक का हिस्सा नहीं बनाया गया और वह अपने हितों को ध्यान में नहीं रखा गया। उसने अपनी पिछली आश्वासनों को भी दोहराया है कि वह एक राजनयिक समाधान के लिए अपनी शर्तों पर तैयार है। रूस ने युद्ध समाप्त करने के गंभीर प्रस्तावों का जवाब देने के लिए भी तैयारी दिखाई है।
हालांकि, यूक्रेन ने रूस की पिछली मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और उसका कहना है कि यदि वे ऐसा करने दिए गए, तो रूस को उन इलाकों में बढ़त हासिल करने का मौका मिलेगा, जहां रूस ने पहले से ही कब्जा किया हुआ है। इससे युद्ध के खत्म होने के लिए समाधान प्रक्रिया में रुकावटें आ सकती हैं।