एनएसए अजित डोभाल की रूस यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कीव यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हो रही है। डोभाल रूस में ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होंगे।
रूस यूक्रेन युद्ध: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को और कीव की यात्राओं के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस सप्ताह रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन में भाग लेना है।
यह बैठक रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों के बीच हो रही है। डोभाल के रूस में अपने रूसी समकक्ष से बातचीत करने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करने की संभावना है।
डोभाल की यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की कीव यात्रा के ढाई सप्ताह बाद हो रही है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने हाल ही में सुझाव दिया था कि भारत और चीन इस संघर्ष के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कौन-सा देश करा सकता है रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 5 सितंबर 2024 को व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच के एक पैनल चर्चा में कहा कि भारत, ब्राजील और चीन रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। यह टिप्पणी तब की गई जब पुतिन से पूछा गया कि कौन से देश इस विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की यात्रा, जो 23 अगस्त 2024 को हुई, 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। यह यात्रा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मोदी की शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद संपन्न हुई। भारत ने हमेशा कहा है कि यूक्रेन संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए।