राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनने के बाद, शशि थरूर और केसी वेणुगोपाल सहित कई नेताओं का नेतृत्व की रेस में हिस्सा लेने का विचार है।
विपक्ष के नेता: राहुल गांधी कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) बनने की इच्छा नहीं रखते हैं। एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार, वे वर्तमान में पार्टी के संगठन को मजबूत करने पर केंद्रित हैं।
सूत्रों के अनुसार, अगर राहुल गांधी लोकसभा में विपक्षी नेता नहीं बनते हैं, तो कई अन्य नेताओं का नाम इस रेस में उठ रहा है। केसी वेणुगोपाल, गौरव गोगोई, मनीष तिवारी, शशि थरूर और कुमारी शैलजा इनमें से कोई भी नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं।
कुमारी शैलजा को नेता प्रतिपक्ष बनने की रेस में बाद माना जा रहा है। इसका कारण है कि राज्यसभा में पहले से ही दलित समाज से आने वाले और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। वास्तव में, दिल्ली में हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर प्रस्ताव पास किया गया था।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद, गौरव गोगोई ने कहा, “हर बार जब कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी से कुछ उम्मीदें रखी हैं, तो वह उन उम्मीदों को पूरा करते हैं। आज, कांग्रेस पार्टी उनसे अनुरोध कर रही है कि वे संसद में देश की आवाज बनें।”
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “कांग्रेस कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें राहुल गांधी से लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद को स्वीकार करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने जवाब दिया है कि वे इसे विचार करेंगे।”
कांग्रेस की दृष्टि में, कई नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना जाना चाहिए। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उन्हें ही साहस दिखाना चाहिए। ऐसा होने से कांग्रेस को लाभ होगा।