भारत ने ईरान के चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह टर्मिनल के परिचालन के लिए 10-वर्षीय अनुबंध पर साइन किए. इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अहम टिप्पणी की है.
चाबहार बंदरगाह पर एस जयशंकर: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह के संबंध में कहा कि आने वाले दिनों में इसमें अधिक निवेश और सक्रियता देखने की संभावना है। उन्होंने इस अधिकारीकृत अनुबंध के परिणामस्वरूप चाबहार बंदरगाह में निश्चित रूप से अधिक निवेश और सहयोग की उम्मीद जताई।
उन्होंने यह भी बताया कि इस बंदरगाह का विकास भारत और मध्य एशिया के बीच और बेहतर संबंध स्थापित करने में मदद करेगा। जयशंकर ने कहा, “अभी तक बंदरगाह का पूर्ण विकास नहीं हुआ है। दीर्घकालिक समझौते के बिना, इसमें निवेश करना कठिन हो सकता है। हमें आशा है कि हमारे सहयोगी देशों के साथ किए गए इस अनुबंध से चाबहार क्षेत्र में निश्चित रूप से अधिक निवेश और उनका साथ आएगा। इससे बंदरगाह की गति और गुणवत्ता में सुधार होगा।”
एस जयशंकर ने क्या कहा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (14 मई, 2024) को यह कहा कि “हम मानते हैं कि आज कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और चाबहार हमें मध्य एशिया से जोड़ेगा।”
ईरान में भारतीय दूतावास के सोशल मीडिया एक्स के पोस्ट के अनुसार, बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के बंदरगाह एवं समुद्री संगठन द्वारा तेहरान में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
यह पहली बार है जब भारत विदेश में स्थित किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा है। दरअसल, भारत ने ईरान के चाबहार में स्थित शाहिद बेहश्ती बंदरगाह टर्मिनल के परिचालन के लिए सोमवार को 10-वर्षीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत को मध्य एशिया के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।