दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को झटका देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए विवादित बयान से जुड़े मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है।
शशि थरूर मामला: दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (29 अगस्त) को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई एक टिप्पणी के खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले को चुनौती दी थी। यह मामला बीजेपी नेता द्वारा दर्ज कराया गया था, और शशि थरूर ने इसे कोर्ट में चुनौती दी थी।
थरूर ने ट्रायल कोर्ट के 2019 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी, जिसके तहत उन्हें आरोपी के तौर पर तलब किया गया था। उन्होंने 2 नवंबर, 2018 की शिकायत को भी रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी और कार्यवाही को रद्द करने का कोई आधार नहीं पाया। कोर्ट ने पक्षों को 10 सितंबर को निचली अदालत में पेश होने का निर्देश भी दिया।
बीजेपी नेता ने किया मानहानि का मुकदमा
2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक अनाम आरएसएस सूत्र का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “शिवलिंग पर बैठे बिच्छू” के रूप में वर्णित किया था। उन्होंने इसे “असाधारण रूप से आकर्षक रूपक” कहा था। इस टिप्पणी के खिलाफ बीजेपी नेता राजीव बब्बर ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि थरूर की टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
राजीव बब्बर ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह भगवान शिव के भक्त हैं, और थरूर की इस टिप्पणी ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की अवहेलना की है, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत दर्ज किया गया था।