जो प्रदेश कार्यकारिणी के तर्क के अनुसार कांग्रेस में नई घोषणा की गई है, उससे स्पष्ट रूप से साबित हो रहा है कि धारीवाल की राजनीति या तो समाप्त हो जाएगी या उसके बेटे को आगे बढ़ाया जाएगा।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अपने बेटे की राजनीति में प्रदेश स्तर पर सीधी एंट्री करवाई है और उन्हें महासचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि धारीवाल राजनीतिक मामलों में अपने बेटे को आगे बढ़ाना चाहते हैं और इसके जरिए वे अपने परिवार को राजनीतिक मंच पर स्थान देने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी जाना जा रहा है कि अगर यूडीएच मंत्री को कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में प्रभावी रूप से चुनाव नहीं जीतने का मौका मिलता है, तो वे अपने बेटे को उस क्षेत्र में आगे बढ़ाने का विचार कर रहे हैं।
शांति धारीवाल का राजनीति से संन्यास होगा?
कांग्रेस पार्टी में धारीवाल की राजनीति से जुड़े बेटे के पदार्पण की घोषणा के बाद, यह बात सामान्य रूप से चर्चा का विषय बन गई है। यह माना जा रहा है कि इस घोषणा से धारीवाल की प्रदेश स्तर पर राजनीतिक गतिविधियों में विदाई होगी और उनके बेटे को आगे बढ़ाया जाएगा। इस घटना के कारण प्रदेश भर में हलचल तेज हो गई है और कई जगह से लोगों की ओर से इसके खिलाफ विरोध के स्वर सुनाए जा रहे हैं। हालांकि, इसके बावजूद, अभी तक किसी ने इस घोषणा का सामने खुलकर विरोध नहीं किया है।
जिला अध्यक्ष जी धारीवाल के चहेते
कोटा राजनीति में तेजी से हलचल हो रही है और कई नए पद दिए गए हैं। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के सबसे करीबी व्यक्ति रवींद्र त्यागी को फिर से जिला अध्यक्ष के पद पर मौका मिला है। इसके अलावा, कोटा दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ी राखी गौतम को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन नियुक्तियों के बाद, कोटा क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों में गहरी सक्रियता देखी जा रही है।