भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन पार्टी की रणनीतिक जरूरतों को देखते हुए उन्हें अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक इस पद पर बने रहने के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड ने एक्सटेंशन दिया है।
भाजपा अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया: भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पिछले कुछ महीनों से चर्चा हो रही है, लेकिन पार्टी को अभी तक नया अध्यक्ष नहीं मिला है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिला हुआ है। हालांकि, अब बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को तेज किया गया है।
21 अक्टूबर 2024 को जेपी नड्डा की अध्यक्षता में संगठन चुनाव को लेकर एक वर्कशॉप आयोजित की गई। इस वर्कशॉप में उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को संगठन चुनाव संपन्न कराने के संबंध में निर्देशित किया।
संगठन चुनाव की प्रक्रिया में देरी का कारण यह है कि जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, लेकिन अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा एक्सटेंशन दिया गया है। भाजपा के संविधान के अनुसार, नए अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले संगठन के चुनावों का पूरा होना आवश्यक है।
जल्द होंगे संगठन के चुनाव, समिति की हुई घोषणा
भाजपा ने संगठन चुनाव संपन्न कराने के लिए चुनाव समिति की घोषणा कर दी है। ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय प्रभारी लक्ष्मण को संगठन चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि सांसद नरेश बंसल, संबित पात्रा और रेखा वर्मा को सह चुनाव प्रभारी बनाया गया है। संगठन की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले सोमवार को दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में एक दिन की वर्कशॉप आयोजित की गई, जिसमें राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री, चुनाव प्रभारी और अन्य उपस्थित थे। जेपी नड्डा ने इस अवसर पर सदस्यता अभियान की समीक्षा की और संगठन चुनाव के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
चुनावी प्रक्रिया का विवरण
भाजपा में चुनाव प्रक्रिया सबसे पहले बूथ स्तर से शुरू होती है, फिर मंडल और फिर जिला स्तर पर चलती है। चुनाव अधिकारी क्रमशः चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा करते हैं। चुनाव अधिकारियों द्वारा घोषित तिथि पर बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर अध्यक्षों के चुनाव कराए जाते हैं। इस दौरान जिला अध्यक्ष के चुनाव के साथ-साथ राज्य परिषद सदस्य का चुनाव भी कराया जाता है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव होता है। राज्य परिषद के सदस्य ही राज्यों के अध्यक्ष का चुनाव करते हैं, जबकि राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया को दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी।