संजीव जीवा हत्याकांड की पुलिस कई एंगल से जांच कर रही है ताकि इस घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके। इसके बावजूद, एक सवाल उठ रहा है कि क्या संजीव जीवा की हत्या से शूटर विजय यादव को कोई फायदा हुआ हो सकता है?
यूपी समाचार: संजीव जीवा हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी यानी जीवा के बारे में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। इसके अनुसार, संजीव जीवा को रास्ते से हटाने के लिए 20 लाख रुपये की डील हुई थी, जिसमें शूटर विजय यादव को 5,000 रुपये की पेशगी और एक रिवॉल्वर दिया गया था। यह घटना लखनऊ कोर्ट में बुधवार को पेशी पर आने वाले संजीव जीवा की गोलियों से भूनकर हत्या के संबंध में हुई थी। शूटर विजय यादव, जिन्होंने संजीव जीवा को गोलियों से भूना था, नेपाल से जुड़े थे। पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि विजय यादव नेपाल गया था और वहां उसकी मुलाकात अशरफ से हुई थी।
संजीव जीवा हत्याकांड से किसे होनेवाला था फायदा?
हाल ही में मारे गए अतीक अहमद का दोस्त अशरफ था, जिन्होंने बताया कि उनका भाई अतीक अहमद लखनऊ जेल में बंद है। अतीक अहमद को लखनऊ जेल में संजीव जीवा बहुत परेशान करता है। इसलिए उसके रास्ते से हटाने के लिए संजीव जीवा के खिलाफ 20 लाख रुपये की सुपारी दी गई। जब लखनऊ पहुंचा, अशरफ के गुर्गे ने विजय यादव को छिपाने और सुरक्षा कराने में मदद की। यह बताया जाता है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से मुख्तार गैंग में संजीव जीवा का नाम प्रमुख रूप से उभरा है।
पुलिस की पूछताछ में शूटर विजय यादव ने उगले राज
संजीव जीवा हत्याकांड की पुलिस कई एंगल से जांच कर रही है और इसके संबंध में कई सवाल पैदा हो रहे हैं। विजय यादव के लिए संजीव जीवा की हत्या से क्या फायदा हुआ, इसका सवाल उठ रहा है। क्या विजय यादव के पास संजीव जीवा के प्रति कोई दुश्मनी थी? क्या संजीव जीवा की हत्या मुख्तार गैंग के विरोधी द्वारा कराई गई थी? विजय यादव किसके इशारे पर काम कर रहा था? पुलिस की पूछताछ में अभी और सनसनीखेज खुलासे की उम्मीद है जो इन सवालों का जवाब दे सकते हैं।