मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद एस.पी. हसन ने राहुल गांधी की टिप्पणी के जवाब में एक बयान दिया, जिसमें कहा गया कि 6 दिसंबर 1992 को हमने वह दिन भी देखा, जब इस देश में मुसलमान अपने अल्लाह को याद कर रहे थे।
राहुल गांधी के बयान पर एसटी हसन: डॉ. एस.टी. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी (सपा) से सांसद हसन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति बहुत खराब है. डॉ. हसन ने कहा कि मुसलमानों के साथ बहुत अन्याय हो रहा है, यहां तक कि ईसाइयों और सिखों के साथ भी दुर्व्यवहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पूर्वजों ने सदियों तक इस देश पर शासन किया, लेकिन आज स्थिति बहुत ही विकट है।
सपा सांसद ने मुसलमानों के उत्थान के लिए सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि उन्होंने 6 दिसंबर, 1992 को उस दिन को देखा, जब मुसलमान असहाय महसूस कर रहे थे, इस देश में अपने अल्लाह को याद कर रहे थे। गौरतलब है कि डॉ. हसन पहले भी सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर चुके हैं।
अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने दिया बयान
गौरतलब है कि अमेरिका दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में बीजेपी के शासनकाल में बीते 9 साल में मुस्लिमों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति पर बात की। कार्यक्रम में राहुल गांधी से एक सवाल पूछा गया था, जिसमें कहा गया था कि जो 80 के दशक में दलितों की स्थिति थी, वही हाल अब मुस्लिमों का है। उन्होंने बताया कि मुस्लिमों के लिए सुरक्षा की चिंता आजकल है, जो पहले कभी नहीं थी, और भारत में बहुत से कानून बन रहे हैं जो पहले नहीं थे। यदि हम इस विषय पर किसी से बात करें, तो वे हमसे पूछते हैं कि भारत में क्या हो रहा है, जहां क्राइम मुस्लिम युवाओं द्वारा नहीं किया गया हो, उन्हें भी जेल में डाल दिया जा रहा है। इस पर राहुल गांधी से पूछा गया कि इस मुद्दे के संबंध में आपकी क्या रणनीति होगी?
‘बीजेपी सभी के साथ भेदभाव कर रही’
राहुल गांधी ने उत्तर में कहा, “इसलिए हम नफरत के बाजार में मोहब्बत का कॉन्सेप्ट लेकर आए हैं। कांग्रेस केवल मुस्लिमों के ही नहीं, बल्कि सभी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के मद्देनजर नफरत के खिलाफ मोहब्बत का कॉन्सेप्ट लेकर आई है। मैं यह बात गारंटी के साथ कह रहा हूं कि भाजपा सभी के साथ ऐसा भेदभाव और नफरत का व्यवहार कर रही है। ऐसा नहीं है कि भारत में जो मुस्लिमों के प्रति हो रहा है वह हमारे सिख भाई-बहनों के साथ नहीं हो रहा है। जो सिख भाई-बहनों के साथ हो रहा है, वह ईसाइयों के साथ भी हो रहा है, और यही भेदभाव दलितों के साथ भी किया जा रहा है, और वही भेदभाव आदिवासियों के साथ भी हो रहा है।”