बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि चार साल पहले एक पत्रकार के साथ मारपीट के मामले में सलमान खान के खिलाफ पुलिस का मामला गलत था और उन्हें बड़ी राहत दी जानी चाहिए। इस फैसले के लिए खान ने पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
2019 में एक पत्रकार से मारपीट और बदसलूकी के मामले में सलमान खान को राहत मिली थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया, यानी उन्हें अंधेरी कोर्ट में पेश नहीं होना पड़ेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सलमान के खिलाफ दायर शिकायत को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया।
2019 में पत्रकार अशोक पांडे ने सलमान खान पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। पत्रकार ने अभिनेता के खिलाफ दर्ज अपनी शिकायत में कहा था कि सलमान ने न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि उनका मोबाइल भी छीन लिया। इस मामले में अशोक पांडे ने पहले अंधेरी में मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान को समन भेजा था। इस पर सलमान ने हाईकोर्ट में अपील की थी। पिछले साल बॉम्बे हाई कोर्ट ने अभिनेता को राहत देते हुए समन पर रोक लगा दी थी।
पूरी घटना क्या थी और पत्रकार अशोक पांडे व सलमान के बीच क्या हुआ था, आइए बताते हैं। सलमान खान अकसर ही मुंबई की सड़कों पर साइकलिंग के लिए निकलते हैं। कई बार साथ में उनके बॉडीगार्ड रहते हैं और कई बार नहीं। साल 2019 में जब ऐसे ही एक दिन सलमान साइकलिंग के लिए निकले तो पत्रकार ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो शूट कर लिया। सलमान ने पत्रकार का फोन छीन लिया। पत्रकार का कहना था कि उसने इसके लिए एक्टर के गार्ड्स से परमिशन ली थी। लेकिन सलमान ने उसके साथ बदतमीजी की और फोन छीन लिया।
पत्रकार ने सलमान खान के बॉडीगार्ड पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया और उसके बाद उन्होंने सलमान खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया।
उधर सलमान खान को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग से भी जान से मारने की धमकी मिली है, जिसके बाद से एक्टर ने अपनी सिक्योरिटी बढ़ा ली है। सलमान को धाकड़ राम बिश्नोई ने दो बार जान से मारने की धमकी दी। हालांकि पिछले दिनों पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और 27 मार्च को उसे मुंबई की बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था।