राबड़ी देवी ने विधानमंडल मॉनसून सत्र के प्रथम दिन अपने बयान में एक मामले पर संक्षेप में बात की है, जहां उन्होंने कहा है कि एक ही केस के चार्जशीट को बार-बार करना उचित नहीं है। इसका अर्थ है कि राबड़ी देवी को उस मामले के चार्जशीट करने की अपेक्षा नहीं है और वह इसके तत्वों पर सवाल उठा रही है।
पटना: बीजेपी विधायकों ने विधानमंडल मॉनसून सत्र के पहले दिन सीडीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग की। इसका कारण है कि लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है और तेजस्वी को आरोपी के तौर पर शामिल किया गया है। बीजेपी विधायकों ने इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। राबड़ी देवी ने बाद में इस बारे में बयान दिया और कहा कि बीजेपी विधायकों की मांगों के पीछे विपक्ष की जबरदस्ती नजर आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही केस को बार-बार चार्जशीट करना उचित नहीं है। उन्होंने बीजेपी के नेता पर हमला करते हुए कहा कि उनका काम सिर्फ विपक्ष के खिलाफ आरोप लगाना है, और वे चार्जशीट, केस, मुकदमा, सीबीआई, ईडी जैसे न्यायिक कार्रवाई के इस्तेमाल से नहीं हिचकिचाते। इसके अलावा, वे नरेंद्र मोदी को भी विनाशकारी बताते हैं और काम की बात नहीं करते हैं, उनके दावे के अनुसार विकास का काम नहीं हुआ है और नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिए गए वायदे भी पूरे नहीं हुए हैं।
‘मन की बात लोगों को सुनाते हैं, विकास के नाम पर कुछ नहीं’
राबड़ी देवी ने बीजेपी को लक्ष्य बनाते हुए कहा कि पार्टी ने देश भर में पैसा इकट्ठा करने के लिए देश की आपातकालीन स्थिति का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने देश को तोड़ा है और उसे लूटा है, और अब वे लूट की सरकार चला रहे हैं। वे ने भी कहा कि मन की बात सुनाने के बावजूद, विकास के नाम पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने ऐसे प्रदर्शनीय पार्टी कार्यालय बनाए हैं जो मॉल जैसे होते हैं, और वह पैसा कहां से आया है, यह पूछा गया। वे ने दिल्ली में ताज होटल के उदाहरण को देते हुए कहा कि वहां कैसे महंगे होटल बना है।
इसके अलावा, बताया जाता है कि विधान परिषद की कार्यवाही को शोक प्रस्ताव के बाद अस्थगित कर दिया गया है। राबड़ी देवी ने सदन से बाहर निकलते हुए बताया कि सदन के अंदर कोई घातक प्रदर्शन नहीं हुआ और सब कुछ शांत रहा।