उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उसने मांग की है कि उसके मामले को कोटद्वार से अन्य किसी स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाए।
अंकिता भंडारी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य की याचिका को ठुकरा दिया है। पुलकित ने मांग की थी कि उसके मामले को कोटद्वार की अदालत से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाए। लेकिन, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार (2 अगस्त) को याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अपराध गंभीर है और मुकदमे का जल्द निपटारा होना चाहिए।
इस हत्याकांड में वनंत्रा रिसॉर्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या की गई थी। आरोप है कि जब अंकिता ने रिसॉर्ट के मालिक पुलकित और उसके दोस्तों के गलत काम करने से मना किया, तो उन्होंने उसे नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। इस घटना ने लोगों में गहरा आक्रोश पैदा किया था, जिसके चलते रिसॉर्ट में तोड़फोड़ और अंकिता की बरसी पर मार्च भी आयोजित किए गए थे।
क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड?
अंकिता भंडारी, जो पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर में स्थित रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, 8 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी। उसकी हत्या 18 सितंबर को की गई, जब उसे नहर में धक्का देकर फेंक दिया गया। 24 सितंबर को पुलिस ने उसका शव बरामद किया। इस हत्या का आरोप बीजेपी के निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर लगा, साथ ही पुलकित के साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में सामने आया कि अंकिता ने जब स्पेशल सर्विस से मना कर दिया, तो पुलकित ने उसका यौन शोषण किया। मैनेजर सौरभ भास्कर ने भी कई बार अंकिता के साथ रेप की कोशिश की। इस मामले में विवेक आर्य को गवाह बनाया गया, जो रिसॉर्ट में काम करता था।