पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप विधेयक पास हो गया है और यह अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद कानून के रूप में लागू हो जाएगा। यह विधेयक कोलकाता में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ हुए रेप के बाद पेश किया गया था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विपक्ष के पूर्ण समर्थन से राज्य का बलात्कार रोधी विधेयक मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस विधेयक में प्रस्तावित है कि यदि रेप पीड़िता की मौत हो जाती है या वह कोमा में चली जाती है, तो दोषियों को मौत की सजा दी जाएगी। इसके अलावा, रेप और गैंगरेप के दोषियों को आजीवन कारावास देने का भी प्रस्ताव है, और उन्हें पेरोल की सुविधा नहीं मिलेगी। हालांकि, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस विधेयक में संशोधन की मांग की और इसमें कई अतिरिक्त प्रस्ताव पेश किए।
– सुवेंदु अधिकारी ने मांग की कि अगर पुलिस स्टेशन FIR लेने से इंकार करता या देरी करता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों को अधिकतम सजा मिले.
– मेडिकल परीक्षण या पोस्टमार्टम में देरी या लापरवाही के लिए हेल्थ अफसर के लिए सजा का प्रावधान हो.
– सबूत नष्ट होने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति या अधिकारी के खिलाफ सजा का प्रावधान.
– जांच पुलिस अधिकारी और चिकित्सा परीक्षक या फिर स्वास्थ्य कर्मी द्वारा बयान बदलने पर सजा का प्रावधान रखा जाए.
– गवाही के दौरान राज्य सरकार पुलिस द्वारा पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाए. 30 दिनों के ट्रायल पूरा होने पर हो सजा का ऐलान.
जूनियर डॉक्टर से रेप की घटना के बाद लाया गया विधेयक
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और उसकी बाद में हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी संजय रॉय और आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत 10 लोगों का पॉलिग्राफी टेस्ट करवा लिया है।
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में घोषणा की थी कि इस पर कानून लाया जाएगा, जिसके तहत उन्होंने विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया। इस सत्र में ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ पेश किया गया, जिसे पास कर दिया गया।