कर्मचारियों द्वारा अल-मयकोमा अनाथालय में एक वीडियो बनाया गया था, जिसमें दिल दहलाने वाले दृश्य दिखाई दिए। इस वीडियो में, सफेद चादर में लिपटे हुए बच्चों की लाशें जमीन पर पड़ी हुई थीं।
सूडान गृह युद्ध: लगभग दो महीने से सूडान की सेना और गैरसैनिक बालों के बीच एक लड़ाई चल रही है। खार्तूम शहर में स्थित एक अनाथालय में पिछले छह हफ्तों में कम से कम 60 बच्चों की मौत हो गई है। इस अनाथालय में खाने-पीने की कमी के कारण बहुत सारे बच्चे मर गए हैं।
एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने रिपोर्ट किया है कि पिछले हफ्ते के आखिरी दो दिनों में 26 बच्चों की मौत हो गई है। इन मृतक बच्चों में से कुछ सिर्फ तीन महीने के ही थे। यह जानकारी अनाथालय में कार्यरत अधिकारियों और धर्मार्थ कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई है।
बच्चों की लाशें जमीन पर पड़ी हुई थी
कर्मचारियों ने अल-मयकोमा अनाथालय में मौजूद एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें एक दिल दहला देने वाला दृश्य दिखाई दिया। वीडियो में सफेद चादर में लिपटे हुए बच्चों की लाशें जमीन पर पड़ी हुई थीं और उनका दफन होने का इंतजार किया जा रहा था। एक और वीडियो में, दो दर्जन बच्चों को डायपर पहनाए हुए दिखाया गया था, जिनमें से कई बच्चे रो रहे थे।
सभी बच्चे कमरे के फर्श पर बैठे हुए थे, जबकि एक महिला पानी के दो जगह लेकर जा रही थी। एक महिला अपनी पीठ को कमरे की दीवार पर टिका कर खड़ी थी, और एक महिला एक बच्चे को गोद में लेकर आगे-पीछे झूल रही थी।
अनाथालय के कर्मचारियों ने दी चेतावनी
एक अनाथालय के कर्मचारी ने स्थिति को नष्टकारी बताया है। पिछले हफ्ते हुई गोलीबारी के कारण अनाथालय के बड़े कमरे में नुकसान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों को छोटे कमरे में स्थानांतरित कर दिया गया। कर्मचारी अफकार उमर मुस्तफा ने एक इंटरव्यू में बताया कि यह एक बहुत खतरनाक स्थिति है। यह वो चीज़ थी जिसकी हमें लड़ाई के पहले दिनों से चिंता थी।
अनाथालय के कर्मचारियों ने खार्तूम से बच्चों को तत्परता से निकालने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी कदम नहीं उठाए जाते हैं तो अधिक बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है। सूडान में 15 अप्रैल से सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच लड़ाई शुरू हो गई है, जिसमें अब तक 190 बच्चों सहित 860 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है।