प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ के मामले में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट का सामना हो रहा है। इस रिपोर्ट का जांच करने के लिए एसआईटी (विशेष जांच दल) का इस्तेमाल किया जाएगा।
अतीक अहमद समाचार: प्रयागराज पुलिस को एफएसएल (फॉरेंसिक लैब) की एक रिपोर्ट मिली है, जिसके अनुसार अतीक और अशरफ की हत्या में तुर्किए की जिगाना और गिरसान पिस्टल का इस्तेमाल हुआ था। जिगाना और गिरसान पिस्टल तुर्किए में निर्मित होती हैं। हालांकि, शूटर्स ने जिगाना और गिरसान के अलावा देसी पिस्टल से भी गोलियां चलाई थी। एफएसएल की रिपोर्ट और बैलेस्टिक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि तीनों हथियारों से गोली चली थी।
वारदात में जिगाना औटोमेटिक और गिरसान सेमी-औटोमेटिक पिस्तल का इस्तेमाल हुआ था। पहले ही शक किया जा रहा था कि शूटर सनी सिंह ने दिल्ली के गैंगस्टर जितेंद्र सिंह गोगी के गैंग से जिगाना पिस्तल प्राप्त की थी। जिगाना पिस्तल से एक बार में 15 गोलियां चल सकती हैं, वहीं गिरसान से 8 से 10 फायर होते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, तीनों शूटर्स ने वारदात में अलग-अलग प्रकार की पिस्तल का इस्तेमाल किया था। वर्तमान में जांच कर रही एसआईटी विभाग इन वैज्ञानिक साक्ष्यों को अध्ययन करेगी। एफएसएल और बैलेस्टिक रिपोर्ट एसआईटी की जांच के महत्वपूर्ण अंग होंगे।
डीवीआर और मोबाइल की जांच रिपोर्ट नहीं आई
अभी तक डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) और मोबाइल की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। बाकी रिपोर्टों के आने के बाद पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी। वर्षा में जैसलमेर ज़िले के कस्टडी में हुए इस वारदात में अतीक और अशरफ की हत्या की गई थी। पुलिस कमिश्नर द्वारा हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी की गठन की गई थी, जिसके प्रभारी एडीसीपी (एसिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) क्राइम सतीश चंद्र हैं। एसआईटी में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ओमप्रकाश भी शामिल हैं। हत्याकांड के बाद, मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने पिस्तल, कारतूस और खोखे को संग्रहीत किया था। शूटर के पास तुर्किए की जिगाना और गिरसान पिस्तल के अलावा एक देसी पिस्तल भी बरामद की गई थी।