समाजवादी पार्टी से सांसद बनीं 25 साल की प्रिया सरोज ने अपनी जीत के बाद अपनी भविष्य की योजनाएं साझा की हैं, जिसमें उनकी आगामी शादी की योजनाएं भी शामिल हैं।
प्रिया सरोज समाजवादी पार्टी सांसद: 25 साल की आयु में मछली शहर से सांसद बनी समाजवादी पार्टी की नेता प्रिया सरोज ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद अपने आगे के प्लान्स के बारे में बताया है, और यह भी उन्होंने जाहिर किया है कि वह शादी कब करेंगी। उन्होंने इसके साथ ही अपनी आगामी जिम्मेदारियों पर भी बात की है।
जब प्रिया सरोज से एबीपी न्यूज़ के पत्रकार ने इस बारे में बात की, तो उन्होंने कहा कि उनके परिवार वाले उन पर गर्व कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी विजय का श्रेय उनकी जनता, पिताजी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जाता है। प्रिया सरोज ने बताया कि जब दस साल पहले वे लोकसभा में पहुंची थीं, तब लोग उन्हें “सांसद जी की बेटी” कहते थे, लेकिन अब उनके पिताजी को “सांसद जी के पिताजी” कहा जाता है।
ऐसे पूरा होगा मकसद
प्रिया सरोज ने अपने क्षेत्र में विकास को लेकर कहा है कि उन्हें न्यूयॉर्क या क्योटो बनाने की बात नहीं करनी, बल्कि वह यही चाहती हैं कि उनके सभी गांवों में अच्छे हॉस्पिटल, अच्छे स्कूल, पानी और बिजली जैसी मौजूदा सुविधाएं हों। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी उम्र 25 साल 5 महीने है और इस समय उन पर जनता की जिम्मेदारी है।
जब उनसे युवाओं को राजनीति में आने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आजकल लोग राजनीति को एक बुरी चीज मानते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि सिस्टम में शामिल होने से ही हमें इसकी सही समझ होती है और युवाओं को राजनीति में आना चाहिए।
राजनीति में आने से जीवन जीना थोड़ी छोड़ देंगे
प्रिया सरोज ने इंस्टाग्राम पर अपने पर्सनल लाइफ को लेकर कहा कि यह उनका व्यक्तिगत जीवन है। उन्होंने यह भी जताया कि राजनीति में आने से यह मतलब नहीं कि वे अपने जीवन का मजा छोड़ दें, बल्कि उन्हें अपनी पर्सनल लाइफ का आनंद लेना चाहिए।
जब उनसे शादी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि इस फैसले में उनके पिताजी का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रिया सरोज ने यह भी कहा कि जनता ने उन्हें अपनी बेटी के रूप में चुना है और वह इस दरियादिली के साथ उनके मान-सम्मान की रक्षा और बढ़ावा करने का काम करेंगी। उन्होंने यह भी जताया कि उन पर राजनीतिक दबाव है, लेकिन उनके पिताजी ने कभी उन्हें राजनीति में जबरदस्ती नहीं किया है।