उद्योगपति रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। याद दिलाने के लिए, 2008 में जब आतंकी ताज होटल के अंदर गोलीबारी कर रहे थे, तब रतन टाटा स्वयं वहां पहुंच गए थे।
रतन टाटा की मृत्यु समाचार: देश के प्रसिद्ध बिजनेस टाइकून रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया, यह घटना बुधवार (9 अक्टूबर 2024) की रात की है। अपनी सादगी और जीवंतता के लिए मशहूर, रतन टाटा ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, ग्रामीण विकास और आपदा राहत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
26/11 के आतंकी हमले के दौरान, जब आतंकियों ने होटल ताज को निशाना बनाया था, तब रतन टाटा ने इस पर एक इंटरव्यू में चौंकाने वाले खुलासे किए थे।
गोलीबारी के समय होटल पहुंचे थे रतन टाटा
2008 में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते दक्षिण मुंबई में घुसपैठ कर ताज होटल और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस सहित कई प्रमुख स्थलों पर हमले किए, जिससे शहर में अफरा-तफरी मच गई थी। उस समय रतन टाटा की उम्र 70 वर्ष थी और उन्हें गोलीबारी के समय ताज होटल के कोलाबा छोर पर देखा गया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें किसी ने फोन करके बताया कि होटल के अंदर गोलीबारी हो रही है, तो उन्होंने ताज होटल के स्टाफ को कॉल किया, लेकिन कोई भी उनका कॉल रिसीव नहीं कर सका।
‘पूरी प्रॉपर्टी को ही बम से उड़ा दो’
रतन टाटा ने बताया था कि 26/11 के आतंकी हमले के दौरान, जब उन्हें जानकारी मिली कि ताज होटल में गोलीबारी हो रही है, तो उन्होंने तुरंत अपनी कार निकाली और होटल की ओर रवाना हुए। लेकिन जब वह वहां पहुंचे, तो उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया क्योंकि हालात अत्यंत खतरनाक थे।
उन्होंने उस इंटरव्यू में सुरक्षाकर्मियों से कहा, “एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए और जरूरत पड़े तो पूरी प्रॉपर्टी को ही बम से उड़ा दो।”
इस हमले को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोगों की जान गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। रतन टाटा ने इस घटना के बाद ताज होटल को फिर से खोलने की बात की और उन लोगों के परिवारों की देखभाल करने का भी संकल्प लिया, जो इस हमले में मारे गए या घायल हुए थे।