उत्तर प्रदेश के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा रखी है।
यूपी शिक्षक भर्ती मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा 69,000 शिक्षक भर्ती से संबंधित निर्णय पर आज (23 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन यह सुनवाई मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि 9 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और सभी पक्षों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।
69000 शिक्षक भर्ती को लेकर युवा कर रहे हैं आंदोलन
युवाओं ने 69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से आंदोलन जारी रखा है और कोर्ट में भी इस मामले की लड़ाई लड़ रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने पुरानी सभी सूचियों को निरस्त करते हुए आरक्षण के नियमों के अनुसार नई सूची बनाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद चयनित और आरक्षित दोनों वर्गों के अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया।
चयनित अभ्यर्थियों ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने कैविएट दाखिल किया था। 9 सितंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसके बाद अगली सुनवाई 23 सितंबर को निर्धारित की गई थी।
पूरा मामला यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 69,000 शिक्षकों के पदों के लिए भर्ती निकाली थी, जिसमें परीक्षा जनवरी 2019 में आयोजित की गई थी। हालांकि, बाद में इस भर्ती को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ, जब अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 19,000 सीटों पर घोटाला हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी को 27% का आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें केवल 3.86% मिला, जबकि एससी कैटेगरी के लिए 21% का आरक्षण निर्धारित था, लेकिन उन्हें केवल 16.6% मिला।