इस्लामाबाद में बीते 1 अगस्त को पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण के दौरान, शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार रहने की बात की थी।
भारत-पाकिस्तान संबंध: हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत से महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करने का आग्रह किया था, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर वार्ता को शुरू करने का अनुरोध किया था। इसी बीच, पाकिस्तान के अमेरिकी राजदूत मसूद खान ने जोर देकर कहा कि बातचीत से इनकार करने से सभी के लिए खतरनाक परिणाम होंगे।
पाकिस्तानी न्यूज मीडिया डॉन ने अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत मसूद खान के हवाले से कहा है कि भारत की तरफ से बातचीत का जिक्र होना चाहिए, जिसमें दोनों पक्षों की जरूरत होती है। यह काम सिर्फ एक पक्ष की तरफ से संभव नहीं है।
अमेरिका ने किया था समर्थन
इस्लामाबाद में बीते 1 अगस्त को पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने भाषण के दौरान भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार रहने की बात की थी। उन्होंने कहा था कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और वे भारत से बात करने के लिए तैयार हैं, पड़ोसी देश के जरूरी मुद्दों पर गंभीर वार्ता करने के लिए।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान के बाद अमेरिका ने भी पाकिस्तान की इस अपील का समर्थन किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, “जैसा कि हमने लंबे समय से कहा है, हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं।”
भारत ने बातचीत से किया इंकार
भारत ने पाकिस्तान की बातचीत फिर से शुरू करने का इनकार किया और कहा है कि इस्लामाबाद को पहले शांति का माहौल बनाना होगा। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने भारत से द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है। जनवरी में भी प्रधानमंत्री शहबाज ने एक टेलीविजन इंटरव्यू में दुबई में यह स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्धों के बाद अपना सबक सीखा है और अब वह अपने पड़ोसी के साथ शांति चाहता है।