चम्बल नदी किनारे क्षेत्र एक आकर्षण का केंद्र बनेगा, जहाँ पर चम्बल माता की विशेष प्रतिमा का निर्माण हो रहा है। यह प्रतिमा देशभर में अद्वितीय और लोगों को आकर्षित करने वाली होगी। इस प्रतिमा की ऊँचाई 256 फीट होगी और इसका वजन लगभग 1500 टन होगा।
कोटा समाचार: कोटा में बन रहे चम्बल रिवर फ्रंट (Chambal River Front) की अधिकांश काम पूरे हो चुके हैं और इसका लोकार्पण किसी भी समय हो सकता है, यदि चुंबक नहीं आता। 25 अगस्त को इसका उद्घाटन होने की तिथि तय की गई है, लेकिन अभी तक आखिरी निर्णय नहीं लिया गया है।
यहाँ पर कई विश्व रिकॉर्ड बन रहे हैं और चम्बल रिवर फ्रंट एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण का केंद्र बनने का बन रहा है, जो देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण स्थल होगा। यहाँ पर चम्बल माता की विशेष प्रतिमा का भी निर्माण हो रहा है, जो देशभर में अद्वितीय होगी और लोगों को आकर्षित करने की क्षमता रखेगी। यह प्रतिमा 256 फीट ऊँची होगी और इसका वजन लगभग 1500 टन होगा। अगले पार्ट में इसके निर्माण का काम किया जा रहा है।
चम्बल माता की प्रतिमा से होगा पानी का प्रवाह
चंबल माता की यह प्रतिमा लगभग 26 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की गई है, जिसका परिणामस्वरूप लोगों को आकर्षित करने में सफल हो सकती है। इस प्रतिमा का स्थापना बैराज गार्डन के पास ही हुई है, और इसका निर्माण जयपुर से 100 से अधिक कारीगरों द्वारा किया गया है। इस चम्बल नदी के किनारे स्थित प्रतिमा के नीचे 5 हाथियों की प्रतिमाएँ भी स्वागत करती हुई दिखाई देंगी। लगभग 2 फीट उच्च 2 पाइपों के माध्यम से एक शक्तिशाली पंप द्वारा प्रतिमा के शिखर तक पानी पहुंचाया जाएगा और वहां से पानी का प्रवाह आगे होगा।
दुनिया में चम्बल की इतनी विशाल प्रतिमा कहीं नहीं
मां चर्ममण्यवति, अर्थात् चम्बल माता, की प्रतिमा लगभग पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुकी है। प्रतिमा के हाथ में एक कलश है, जो पानी को चम्बल नदी से लेकर आता है और फिर वही पानी उसी में लौटता है। कोटा में चम्बल को देवी के रूप में पूजा जाता है, और यह शहर के लिए वरदान के समान है, क्योंकि इसके जरिए खेतों को सींचा जाता है और साथ ही यह लाखों लोगों की प्यास भी बुझाता है। चम्बल रिवर फ्रंट में बनाई गई चम्बल माता की प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊँची होने की खबर है।