सिंघुआ यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में आए आंकड़ों के अनुसार, चीन के लगभग 51 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत उनके देश के लिए सही नहीं है।
चीन-भारत संबंध: चीन में सिंघुआ विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक केंद्र (सीआईएसएस) ने हाल ही में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है जो इस बात पर प्रकाश डालती है कि चीनी लोग दुनिया भर के विभिन्न देशों को कैसे देखते हैं।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के डेटा का उपयोग करते हुए, विजुअल कैपिटल ने भारत के संबंध में चीनी नागरिकों के विचारों पर प्रकाश डाला। सर्वेक्षण, नवंबर 2022 में आयोजित किया गया और इसमें 2500 से अधिक उत्तरदाताओं को शामिल किया गया, जिसका उद्देश्य विभिन्न देशों के बारे में उनकी राय जानना था। विशेष रूप से, रिपोर्ट से पता चला है कि लगभग 51% चीनी उत्तरदाताओं ने भारत के बारे में प्रतिकूल विचार रखे, जबकि केवल 7% ने चीन के संदर्भ में भारत को सकारात्मक रूप से माना।
अमेरिका को लेकर चीन की राय
सर्वेक्षण रिपोर्ट के आंकड़ों से स्पष्ट है कि चीनी लोग आम तौर पर भारत को अच्छी दृष्टि से नहीं देखते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 41% उत्तरदाताओं ने भारत के प्रति तटस्थ दृष्टिकोण रखा, अर्थात वे न तो भारत को सही मानते थे और न ही ग़लत।
सिंघुआ विश्वविद्यालय की रिपोर्ट ने यह भी जानकारी दी कि चीनी नागरिक संयुक्त राज्य अमेरिका को कैसे देखते हैं। जबकि लगभग 51% चीनी उत्तरदाताओं ने भारत को अनुकूल नहीं माना, लगभग 60% उत्तरदाताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चीन के लिए उपयुक्त नहीं माना। केवल एक छोटा प्रतिशत, 12%, मानते थे कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन के लिए उपयुक्त था।
रूस को लेकर चीन की राय
चीन जहां संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के प्रति नकारात्मक विचार रखता है, वहीं वह रूस को अपने लिए सबसे अनुकूल देश मानता है। सर्वेक्षण रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि लगभग 60% उत्तरदाताओं का मानना है कि रूस चीन के लिए सही है, केवल 3% ने प्रतिकूल राय रखी। इसका एक महत्वपूर्ण कारण रूस और चीन के बीच मजबूत संबंध हैं, क्योंकि दोनों देश उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।
इस मजबूत रिश्ते का एक उल्लेखनीय उदाहरण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत जाने के बजाय चीन में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निर्णय है। हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि भारत के साथ रूस के संबंध अनुकूल नहीं हैं। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि रूस और भारत बहुत सकारात्मक संबंध बनाए रखते हैं।
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद
हाल के वर्षों में सीमा विवाद को लेकर चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। कुछ दिन पहले ही चीन ने एक नक्शा जारी कर अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताया था, जिससे एक नए विवाद को हवा मिल गई थी। चीन लगातार भारत के पूर्वोत्तर इलाकों के सीमावर्ती इलाकों पर अपना अधिकार जताने की कोशिश करता रहता है।
इस साल की शुरुआत में अप्रैल में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जिलों के नाम चीनी भाषा में जारी किए थे, जिसका भारत सरकार ने कड़ा विरोध किया था। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के तहत ऐसी विवादास्पद कार्रवाइयों में लगा रहता है। यही कारण है कि चीनी लोग भारत को चीन के हित में मानते हैं।