जर्मनी में नाज़ी शासन के दौरान, यहूदियों के उत्पीड़न और हत्या में शामिल व्यक्तियों को अब अभियोजन का सामना करना पड़ रहा है। उस दौरान जर्मनी में लगभग 60 लाख यहूदी मारे गये।
जर्मनी समाचार: यूरोप के सबसे विकसित मुल्क, जर्मनी, में एक 98 साल के व्यक्ति की पहचान हुई है, जिसे “हत्यारा” कहा जा रहा है, क्योंकि उसके कारण 3300 से अधिक लोगों की मौके पर हुई मौत हो गई। इस बुजुर्ग व्यक्ति ने लगभग आठ दशक पहले अपराध किया था। हालांकि, इतने सालों बाद न्याय की प्रक्रिया चल रही है, और अब उसे सजा दी जा रही है।
यद्यपि यह 98 वर्षीय बुजुर्ग नाजी कंसंट्रेशन कैंप का पूर्व गार्ड था। उस पर गुरुत्वाकर्षण होने के कारण वह इसे संघर्ष में नहीं डालेगा, इसलिए उसकी उम्र अधिक होने की उम्मीद है। मिशन डेटा जमा करने के लिए पहली बार होगा, और इसके तहत विजिबल इमिशन लाइन पर डेटा हासिल करने की कोशिश की जा रही है।
नाजी कैंप में गार्ड था आरोपी बुजुर्ग
सीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के निजता कानूनों के कारण अभियोजकों ने 98 वर्षीय बुजुर्ग अपराधी का नाम सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किया है। सरकार के प्रतिष्ठान में वकीलों ने अदालत में दावा किया कि बुजुर्ग ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन के पास स्थित ओरायनबर्ग के एक नाजी कैंप में काम किया था। वह ओरायनबर्ग के साक्सेनहाउजेन कंसंट्रेशन कैंप में 1943 और 1945 के बीच गार्ड के रूप में नियुक्त थे, जब उनकी उम्र बहुत कम थी।
किशोर अदालत में चलेगा मुकदमा
वकीलों ने बताया कि यहूदियों के नरसंहार के दौरान बुजुर्ग किशोर थे, लेकिन फिर भी उन्होंने क्रूर और निर्मम तरीके से हजारों लोगों की हत्याओं में सहायकता प्रदान की। इसलिए बुजुर्ग को अब किशोर अदालत में पेश होना होगा, जब वह साक्सेनहाउजेन नाजी कैंप में काम कर रहे थे, तब उनकी उम्र 18 साल से कम थी। उन्हें किशोर कानून के तहत मुकदमा हनाउ में चलाया जा सकता है, जो उनके आरोपी के घर के करीब है।
नाजी अपराध के आरोपियों को सजा दे रहा जर्मनी
अक्टूबर 2022 में आरोपी व्यक्ति की मानसिक जांच की गई थी, और उसके नतीजे में पाया गया कि वह मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार है। जर्मनी में नाजी सरकार के दौरान किए गए अपराध में शामिल रहे लोगों को सजा दिलाने का काम जारी है। सरकार चाहती है कि जिन लोगों ने यहूदियों के नरसंहार में भाग लिया था, उन्हें अब सजा मिले, भले ही वे वर्तमान में बुजुर्ग क्यों नहीं हो गए हैं। इस वजह से कई इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं।
पिछले साल, साक्सेनहाउजेन नाजी कैंप में काम करने वाले एक और गार्ड को पांच साल की सजा सुनाई गई थी, जिनकी उम्र 101 साल थी। उसको होलोकास्ट के समय 3500 से ज्यादा लोगों की हत्या में मदद करने और उकसाने के दोषी ठहराया गया था। इसी कैंप में काम करने वाली एक 96 वर्षीय बुजुर्ग महिला को भी सजा सुनाई गई थी, जिन्होंने सजा से बचने के लिए पोलैंड भाग गई थी।
साक्सेनहाउजेन नाजी कैंप में एक लाख हत्याएं
साक्सेनहाउजेन नाजी कैंप को 1936 में कैदियों के लिए खोला गया था। इस कैंप में लगभग दो लाख यहूदियों को कैद करके रखा गया था, और कैंप के अंदर एक लाख के करीब लोगों की मौत हो गई थी। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय, कैंप की आबादी 11,000 से लेकर 48,000 तक रह गई थी। नाजी जर्मनी के शासनकाल में, इस कैंप के अलावा यहूदियों के साथ, विपक्षी नेताओं, समलैंगिक लोगों, और दिव्यांग लोगों की भी हत्या की गई थी।