तिहाड़ जेल भर्ती घोटाला मामले में अनियमितता सामने आने के बाद, जेल प्रशासन ने साल 2020 में इन कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में 50 लोगों को निलंबित कर दिया है।
दिल्ली समाचार: डीएसएसबी भर्ती (DSSB Recruitment) और तिहाड़ जेल भर्ती घोटाला (Tihar Jail Recruitment Scam) के मामले में शनिवार को एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, तिहाड़ जेल भर्ती घोटाला में अनियमितता का पर्दाफाश होने के बाद 50 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
साल 2020 में हुई थी इन कर्मचारियों की भर्ती
तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार, साल 2020 में DSSSB के माध्यम से तिहाड़ जेल में विभिन्न पदों के लिए भर्तियां की गई थीं। इन भर्तियों का प्रक्रिया बायोमेट्रिक तकनीक का उपयोग करके की गई थी। जब DSSSB ने बाद में प्रमाणीकरण किया, तो पाया गया कि 50 कर्मचारियों की बायोमेट्रिक और फोटो मेचिंग में अनैतिकता है। उन सभी को 30 नवंबर को 1 महीने के लिए नोटिस देकर निलंबित कर दिया गया है। साल 2020 में, तिहाड़ में 39 वार्डर, 9 एएस और 2 मैट्रन की भर्तियां हुई थीं।
ऐसे हुआ था घोटाले का खुलासा
साल 2020 के बाद, तिहाड़ जेल सहित दिल्ली जेल विभाग में वार्डर और सहायक अधीक्षक रैंक पर डीएसएसएसबी (DSSSB Recruitment) के माध्यम से आयोजित परीक्षाओं के जरिए भर्तियां हुईं। जब उनके बायोमेट्रिक डेटा का मिलान भर्ती के समय किया गया, तो 50 बेमेल मामलों का पता चला। इसके पश्चात तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी थी जिसे अंतरिम उपाय के रूप में किया गया। उसके बाद, विभागीय स्तर पर सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उस समय, तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने इस लापरवाही की पुष्टि की थी।
जांच में लापरवाही आई सामने
वास्तविक रूप से, दिल्ली अधीनस्थ सेना चयन बोर्ड ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में जेल विभाग में बायोमेट्रिक सत्यापन अभियान चलाया था। इस समय कई कर्मचारियों के साथ आधिकारियों के बायोमेट्रिक सत्यापन में मिलान नहीं हुआ, जिसने मामले की गंभीरता को बढ़ा दिया। इन कर्मचारियों के साथ अनियमितता सामने आने पर, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके पश्चात, इस मामले में अनियमितता की पुष्टि के बाद, 50 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।