पटना राजधानी के सड़कों पर उतरे शिक्षकों ने नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने प्रदर्शन करते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हम पढ़ाई नहीं कराएंगे।
पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से नाराज होकर विशेष शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। वे राजधानी पटना में सोमवार को धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, बैनर और पोस्टर्स लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। इन विशेष शिक्षकों में दिव्यांग शिक्षक भी शामिल हैं, जो सरकारी स्कूलों में विकलांग और दिव्यांग बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। वे विभिन्न बिहार के क्षेत्रों से आकर हड़ताल पर बैठे हैं। इस मामले में, विशेष शिक्षकों ने केके पाठक पर बरसाया है और सरकार पर विवादास्पद आरोप लगाया है, कहते हैं कि उनकी बातें नहीं सुनी जा रहीं और उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही है, बल्कि उनके द्वारा सिर्फ आदेश जारी किए जा रहे हैं।
‘दिव्यांग बच्चों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर पढ़ा रहे’
शिक्षकों का कहना है कि हम लोगों की मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है और इसलिए हम लोग पढ़ाई नहीं कराएंगे, जिससे पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। वे कहते हैं कि हम लोग 17 साल से विकलांग और दिव्यांग बच्चों को कॉन्ट्रैक्ट आधार पर पढ़ा रहे हैं और इन लोगों को मुख्यस्थान पर शामिल करने के लिए हम सभी संभाव कदम उठा रहे हैं। उनकी मांगों में सैलरी की वृद्धि, समायोजन, और स्थायी नौकरी को लेकर बतौर आदान-प्रदान किए जाने की मांग है। वे कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ 16 हजार रुपये की सैलरी मिल रही है जो बढ़ानी चाहिए जाए। इसके साथ ही, उन्हें अदान-प्रदान में भी विवादित बदलाव नहीं किया जा रहा है, जिस पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
शिक्षा विभाग में हम लोग चक्कर पर चक्कर लगा रहे- प्रदर्शनकारी
विशेष शिक्षकों ने बताया कि उन्हें आम लोगों द्वारा अनदेखा किया जा रहा है और उन्हें विकलांग बताया जा रहा है। शिक्षा विभाग के साथ वहां चक्कर पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि बिहार में उनकी संख्या 1037 है और अब उन्हें आर-पार की लड़ाई लड़नी है। इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने नए आदेश जारी किए हैं जिनका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को सुधारना है और स्कूली बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है, जिससे शिक्षकों के बीच असंतोष उत्पन्न हुआ है और वे हड़ताल पर हैं।