0 0
0 0
Breaking News

सांसदों-विधायकों के क्रिमिनल की हाईकोर्ट ने मांगी रिकॉर्ड…

0 0
Read Time:3 Minute, 47 Second

हाईकोर्ट ने पहले भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर संज्ञान लिया था, लेकिन सरकार ने विधायक और सांसदों के खिलाफ विचाराधीन मामलों की सूची उपलब्ध नहीं कराई है।

नैनीताल उच्च न्यायालय: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से वे सांसद और विधायकों की जानकारी मांगी है जिन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इस रिपोर्ट को नैनीताल हाईकोर्ट को दो सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करना होगा। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए पहले ही इस मामले को संज्ञान में लिया था, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसे जमा नहीं कराया है, इसके बाद अब राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया गया है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के सांसद और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों की शीघ्र सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर स्वतंत्र रूप से संज्ञान लिया है। कार्यवाहक न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे दो सप्ताह के भीतर प्रदेश में सांसद और विधायकों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में सभी राज्यों के हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि उन्हें वहां 702 विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे जो मुकदमे हैं, उनकी त्वरित सुनवाई करनी चाहिए। हालांकि, न्यायालय ने पहले भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर संज्ञान लिया था, लेकिन सरकार ने अब तक विधायक और सांसदों के खिलाफ विचाराधीन मामलों की सूची नैनीताल हाईकोर्ट को उपलब्ध नहीं कराई है।

स्पेशल कोर्ट का किया जाएगा गठन

राज्य सरकारें अपने सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 321 का दुरुपयोग कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्टों को निर्देश दिया है कि राज्य सरकारें कोर्ट की अनुमति के बिना इन मामलों को वापस नहीं ले सकतीं. सांसदों और विधायकों के खिलाफ इन मामलों के त्वरित समाधान के लिए विशेष अदालतों की स्थापना का सुझाव दिया गया है। फिलहाल, नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बार फिर उत्तराखंड सरकार को उन विधायकों और सांसदों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कोर्ट ने इस रिपोर्ट को नैनीताल हाईकोर्ट में जमा करने के लिए दो हफ्ते की समय सीमा दी है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *