दिल्ली से साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी विक्रांत राय उर्फ विक्की के रूप में हुई है।
दिल्ली समाचार: यदि आप ऑनलाइन घर से काम करके आसानी से पैसे कमाने के लिए खोज रहे हैं, तो सतर्क रहें! नहीं तो आप साइबर ठगों की निशानी बन सकते हैं। हालांकि, दक्षिणी दिल्ली के साइबर थाने ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है जो लोगों से गूगल पर होटल, रेस्तरां आदि को ऑनलाइन रेटिंग देने के बहाने रोजाना दो हजार से छह हजार रुपये तक की कमाई का लुभाव देकर उनसे लाखों रुपये ठग रहा था।
आरोपी का नाम विक्रांत राय है, जिसे विक्की के नाम से भी जाना जाता है, और वह उत्तर प्रदेश, लखनऊ के इंदिरा नगर थाना क्षेत्र का निवासी है। उसके साथ पकड़ से पुलिस ने 1 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन, 1 पीओएस मशीन, 72 डेबिट कार्ड, 6 चेकबुक, 4 अलग-अलग एंटरप्राइजेज नाम के पैन कार्ड, और बैंक में 2 लाख 71 हजार रुपये जमा बरामद किए हैं।
ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर 31 लाख ठगे
डीसीपी चंदन चौधरी के अनुसार, 25 अक्टूबर को साइबर थाना पुलिस को दी गई शिकायत में एक शिकायतकर्ता ने बताया कि पार्ट-टाइम जॉब में हर दिन के दो हजार से छह हजार की कमाई का लालच देकर उससे ठगी की गई। उसने बताया कि गूगल पर प्रति होटल और रेस्तरां को रेट करने के बदले उससे 50 रुपये देने की बात कही गई थी। इसमें पहले टास्क के लिए उसे 150 रुपये दिए गए। बाद में उसे ज्यादा कमीशन या लाभ प्राप्त करने के लिए पैसों का भुगतान करने के लिए प्रभावित किया गया। इसलिए उसने ठगों के निर्देशानुसार टेलीग्राम चैट ग्रुप को जॉइन किया और अलग-अलग बैंक खातों में कुल 31 लाख 28 हजार 876 रुपये जमा कर दिए। जिसके बाद उसे ठगी का एहसास हुआ और उसने इसकी शिकायत साइबर थाने की पुलिस को दी।
ऐसे चला आरोपी का पता
इस मामले में शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई है। इसके लिए एसीपी ऑपरेशन की देखरेख में एसएचओ अरुण कुमार वर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर हंसा राम, हेड कॉन्स्टेबल रामबीर सिंह, राकेश धवन और अन्य की टीम का गठन किया गया है। जांच में दौरान पुलिस ने कई अलग-अलग पहलुओं पर काम किया और शिकायतकर्ता से पूछताछ कर सारी जानकारियों को हासिल किया। पुलिस ने लाभार्थी बैंक की जानकारी प्राप्त कर बारीकी से उसका विश्लेषण किया, जिसके बाद उससे जुड़े मोबाइल नंबर की CDR, CAF और IMEI नंबरों का पता कर उस पर सर्विलेंस लगाया गया। इसके अलावा कुछ बैंक ट्रांजैक्शनों का भी विश्लेषण किया गया, जिसमें उन्हें पता चला कि ठगी की रकम से एक लाख रुपए लखनऊ स्थित इंदिरानगर थाना इलाके के एक इंटरप्राइजेज के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे।
प्रति लाख 300 रुपये मिलते थे कमीशन
इस जानकारी के आधार पर छापेमारी कर पुलिस ने एक आरोपी को दबोच लिया, जिसकी पहचान, विक्रांत राय उर्फ विक्की के रूप में हुई है। पूछताछ में उसने ठगी में संलिप्तता की बात स्वीकारी। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मोबाइल, लैपटॉप, दर्जनों डेबिट कार्ड और बैंक खाते में जमा 2,71,000 बरामद किए। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वाट्सएप के माध्यम से वह एक व्यक्ति के संपर्क में आया था, जिसने ऑनलाइन गेमिंग के लिए उससे करंट अकाउंट की मांग की। चूंकि, उसके बहुत लोगों से संपर्क थे, इसलिए उसने, उसके साथ एक पार्टनरशिप डीड रजिस्टर्ड कर फर्म के नाम पर करंट अकाउंट खोले। जिसके एवज में उसे 300 रुपये प्रति लाख कमीशन मिलना तय हुआ था, जिसमें शर्त यह थी कि हर महीने कम से कम 10 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन होंगे ताकि उसे महीने के 3 लाख रुपये मिल सके। इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की छानबीन में जुटी हुई है।