मामला विम्स के पारा मेडिकल कॉलेज का है, जहां छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके साथ अश्लील हरकत की गई है। इस मामले की जांच को लेकर जिले के डिप्टी कमिश्नर ने एक टीम का गठन किया है।
नालंदा: जिले के पावापुरी ओपी थाना क्षेत्र में विम्स के पारा मेडिकल कॉलेज के चार छात्राओं ने चिकित्सकों और क्लर्क पर दुष्कर्म के प्रयास करने का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर डीएम शशांक शुभंकर ने विम्स पहुंचे, जहां छात्राओं ने डीएम से भी शिकायत की है। डीएम ने पावापुरी ओपी प्रभारी अनीता कुमारी को जांच का आदेश दिया है। गुरुवार की शाम छात्राओं ने इसकी शिकायत करने के लिए महिला थाना बिहार शरीफ पहुंची थी। इस मामले को लेकर छात्रों में आक्रोश देखा गया है। छात्रों का कहना है कि उनके साथ प्रतिबंधित हरकत की गई है, और इस पर जांच होनी चाहिए।
डॉक्टर शराब के नशे में धुत था- छात्रा
समस्तीपुर जिले की एक छात्रा ने पावापुरी ओपी (बाह्य रोगी) में मामले की शिकायत दर्ज करायी है. उसने अपने आवेदन में तीन अन्य छात्रों का भी जिक्र किया है. छात्रा का आरोप है कि बुधवार शाम पांच बजे एनेस्थीसिया विभाग के ड्रेसर ने सभी को मौखिक और प्रायोगिक परीक्षा के लिए कार्यालय में बुलाया. वहां पहुंचते ही क्लर्क ने उसका हाथ पकड़ लिया और चैंबर में ले गया, जहां डॉक्टर शराब के नशे में धुत था. तब क्लर्क ने कहा कि डॉक्टर जो कहें वही करना होगा, नहीं तो जांच में फेल कर दिये जायेंगे. इसके बाद डॉक्टर ने उसका हाथ पकड़कर फर्श पर पटककर यौन दुराचार का प्रयास किया। वह शोर मचाते हुए किसी तरह वहां से भाग निकली। इसी तरह दूसरे चैंबर में तीन अन्य छात्रों के साथ भी ऐसी हरकतें हो रही थीं. सभी किसी तरह चैंबर से भागने में सफल रहे।
इसके अलावा धमकी दी गई है कि सभी को फेल कर दिया जाएगा। घटना के संबंध में बुधवार रात प्रिंसिपल से शिकायत दर्ज कराई गई।
जांच के बाद करवाई होगी- डीएम
प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि पारा मेडिकल छात्रों ने डॉक्टरों व क्लर्कों के खिलाफ अभद्र व्यवहार की शिकायत दर्ज करायी है. घटना की जांच के आदेश कमेटी को दे दिये गये हैं. छात्रा ने थाने में शिकायत भी दर्ज करायी है. पावापुरी ओपी थाना प्रभारी अनिता कुमार ने बताया कि जांच के लिए अधिकारियों की टीम गठित की गयी है. आरोप सही पाए जाने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि छात्रा के आरोपों की जांच के लिए जिला स्तर पर एक जांच टीम का गठन किया गया है. आवेदन दिया गया है, जांच के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.