इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अभिनेता अक्षय कुमार, शाहरुख खान, और अजय देवगन को पान मसाला के विज्ञापन के लिए जारी किए गए नोटिस का सामना किया है। याचिकाकर्ता ने इन विज्ञापनों को भ्रांतिकर बताया है और उन पर कार्रवाई की मांग की है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का नोटिस: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म अभिनेता शाहरुख खान, अक्षय कुमार, और अजय देवगन को एक नोटिस जारी किया है, जिसके परिणामस्वरूप इन अभिनेताओं की समस्याएं बढ़ गई हैं। इस नोटिस का मुद्दा पान मसाला कंपनियों के विज्ञापनों के संबंध में है। याचिकाकर्ता ने इन विज्ञापनों को भ्रांतिकर बताया है और इस पर पद्म पुरस्कारों को वापस लेने और जुर्माना भुगताने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
याचिकाकर्ता का दावा है कि ये अभिनेता विज्ञापन कर रहे हैं जो तंबाकू उत्पादों के लिए हैं, जो प्रतिबंधित हैं। इस प्रकार के भ्रांतिकर विज्ञापनों के कारण लोगों को गुमराह किया जा रहा है, और इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, इसलिए उन्होंने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।
हाईकोर्ट ने जारी की गाइडलाइंस
वकील मोतीलाल यादव ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री के कई अभिनेता, जैसे कि अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार, सैफ अली खान, ने गुमराह करने वाले विज्ञापनों में भाग लिया है। गुटखा को प्रतिबंधित तंबाकू माना जाता है और उसका प्रचार करना गैरकानूनी है। इन अभिनेताओं ने इस प्रचार में भाग लिया और इस पर मैंने 22 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ में एक याचिका दाखिल की।
याचिकाकर्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकृत किया और दो गाइडलाइनें जारी कीं। इन गाइडलाइनों के अनुसार, जो अभिनेता पद्मश्री, पद्म भूषण, और पद्म विभूषण से सम्मानित हैं, जैसे कि अक्षय कुमार को पद्मश्री और शाहरुख खान को पद्म विभूषण, उन्हें इन सम्मानों को वापस लेने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने इससे संबंधित रूप से यह भी कहा है कि गुटखा कंपनियों के खिलाफ और गुमराह करने वाले विज्ञापनों करने वाले अभिनेताओं पर 50 लाख रुपये का जुर्माना होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने इन बातों को मानते हुए भारत सरकार को दो गाइडलाइनें जारी की हैं। उनमें से एक कहती है कि पद्म अवॉर्ड जब्त करने के लिए भारत सरकार को गाइडलाइनें जारी करनी चाहिए और दूसरी यह है कि कमिश्नर कंज्यूमर कोर्ट से कहा गया है कि विज्ञापनों का एंडोर्समेंट जो अभिनेता या सेलिब्रिटी करते हैं, उनके और गुटखा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।