इमरान मसूद, एक कांग्रेस नेता, ने मुरादाबाद में कहा है कि राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं को शामिल होना चाहिए, और उन्होंने बीजेपी को खुली पिच नहीं देने की बात की है।
यूपी लोकसभा चुनाव 2024: मुरादाबाद में कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के संदर्भ में कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं को निश्चित रूप से इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना चाहिए, और उन्होंने बीजेपी को खुली पिच नहीं देने की बात की है। उन्होंने इसे राजनीतिक हत्यार के रूप में इस्तेमाल करने का खंडन किया और इसे नहीं होने देने की अपील की है।
इमरान मसूद ने कहा कि हमें बीजेपी को हराने की नहीं, बल्कि कांग्रेस को जिताने की बात करनी चाहिए, और हमें दूसरों की लकीर मिटाने की नहीं, बल्कि अपनी लंबी लकीर खीचने की ज़रूरत है। सपा से सीटों के बंटवारे पर मसूद ने कहा कि देश के अंदर लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच में है और इस लड़ाई के अंदर हम लोग अपने काम पर लगे हुए हैं।
यूपी की सभी 80 पर सीटों पर किया जीत का दावा
उन्होंने कहा कि हम यूपी में 80 में से 80 सीट पर तैयारी कर रहे हैं और कांग्रेस यूपी में 80 सीटें जीतेगी. जहां हमारे प्रत्याशी लड़ेंगे, वहां हम उन्हें लड़ाएंगे और जहां दूसरों के प्रति प्रतिष्ठानुसार लड़ेंगे, उन्हें भी हम लड़ाएंगे। कौन सी सीट किसको मिलेगी, यह पार्टी नेतृत्व तय करेगी, हमारा अधिकार नहीं है। मसूद ने आगे कहा कि अब मुस्लिम वोटों की ठेकेदारी नहीं होगी कि यह मुस्लिम बीजेपी को हराने के काम करेगा। हमें बीजेपी को हराने के लिए काम नहीं करना, हमें कांग्रेस को जीताने के लिए काम करना है।
सपा से नहीं है कोई भी खटास
उन्होंने कहा कि हम सपा से खटास के सवालों का सामना नहीं कर रहे हैं, हम अपनी पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। हमें अपना आधार मजबूत करने का अधिकार है। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसे हर जाति और धर्म के लोग वोट देते हैं। आज सभी यह सोच रहे हैं कि पहले कौन करे, तो मैंने यह कोशिश की है कि पहले हम कर लें।
इमरान मसूद ने कहा कि निश्चित रूप से उन्हें 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। मैं एक मुसलमान होने के नाते यह कह रहा हूं। इतने बड़े आस्थान पर खड़ा होकर कह रहा हूं कि हिंदुस्तान के मुसलमान ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को शांतिपूर्वक स्वीकार कर लिया। जब हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मान लिया, तो आप उसे हमारे खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं, इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
बिना सिर-पैर का शफीकुर्रहमान का बयान-इमरान मसूद
उन्होंने कहा कि सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क़ के बयान पर वह ऐसी बातें कह रहे हैं जिनका कोई साहित्यिक या तात्कालिक समर्थन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसी मुसलमान ने उस पर सवाल नहीं उठाया, और हमें उस देश के संविधान का पालन करना है, यह एक पहलू है। जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए, तो हमारी कोई बात नहीं बची है। अब बेकार की बातें करने का कोई फायदा नहीं है, मुसलमानों को समझाने के लिए हिक्मत और अमल के साथ चलना चाहिए। अगर मुसलमान इसे नहीं मानते हैं तो उन्हें दुखद और ज़रूरी दावा की जा रही है कि वे पिटेंगे।