भदोही के राम भक्त एक विशेष तकनीक का उपयोग करके राम मंदिर के लिए एक अद्वितीय और कलात्मक हैंगिंग बनाने की योजना बना रहे हैं, जहां डिजाइन के माध्यम से देवता के चरित्र को दर्शाया जाएगा।
रामलला प्राण प्रतिष्ठा: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ रामभक्तों का उत्साह बढ़ रहा है। सभी लोग राम के कार्य में सहयोग के लिए जुटे हुए हैं। भदोही के राम भक्तों ने भव्य राम मंदिर के लिए हाथ से बुनी कालीन फर्श और दीवारों पर राम, सीता, हनुमान जी की आशीर्वाद की मुद्रा में बनाई जाने वाली हैंगिंग बनाने की तैयारी की है। इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी है। शासन से मिलने के बाद, डिजाइन और आकार के साथ काम शुरू किया गया है।
जिलाधिकारी गौरांग राठी ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर में भदोही के कारीगरों द्वारा हाथ से बनाए गए कालीन को लगाने के लिए, उन्होंने एक हफ्ता पहले शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसे अनुमति मिल गई है। इससे पहले, सेंट्रल विस्टा और भारत मंडपम में भी भदोही की कालीनों का उपयोग किया जा चुका है।
ये होगी वाल हैंगिंग की विशेषता
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के मंडपम और विथिका में कालीन और मंदिर परिसर में दीवारों पर छह गुणा आठ फीट की आठ किलोग्राम वजन की वाल हैगिंग लगाई जाएगी। वाल हैंगिंग पर भगवान राम और माता सीता की सिंघासन पर आशीर्वाद देने की मुद्रा में बैठे हुए तथा हनुमान जी भी आकृति को उकेरा जाएगा। राठी ने बताया कि मंडमपम और विथिका में बिछायी जाने वाली उत्कृष्ट कालीन के निर्माण के लिए भदोही जिला जेल के 12 कैदियों सहित कुल 40 कुशल बुनकरों का चयन कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे के बाद जनवरी के पहले हफ्ते में भदोही से एक टीम मंदिर के मंडपम और विथिका में लगने वाली कालीनों के आकार के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के साथ नाप-जोख करने जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर में लगने वाली कालीन और वाल हैंगिंग को 15 जनवरी तक अयोध्या भेज दिया जाएगा।
इसके साथ वहां जाकर एक टीम उन्हें लगाने का काम पूरा करेगी। मंदिर में लगने वाली कालीन और वाल हैंगिंग के लिए उत्कृष्ट सामान लगाने की व्यवस्था कर ली गई है। राठी ने बताया कि बेहद महीन कारीगरी वाली ये कालीनें सौ साल से अधिक समय तक अपनी चमक बिखरेती रहेंगी। वहीं, राम मंदिर में भदोही की कालीन लगने की खबर से कालीन निर्माताओं, निर्यातकों और बुनकरों में खासा उत्साह है।