उत्तराखंड से दिल्ली के बीच चलने वाली बसें आर्थिक दृष्टि से सबसे लाभकारी मानी जाती हैं। इसलिए, यदि इनमें से 175 बसें बंद हो जाएं, तो परिवहन विभाग को नुकसान हो सकता है।
उत्तराखंड रोडवेज बस: उत्तराखंड से दिल्ली के बीच चलने वाली 350 बसों को एक बार फिर से दिल्ली में प्रवेश पर संशय है। इस बारे में चिंता हो रही है, क्योंकि उत्तराखंड से दिल्ली के बीच चलने वाली बसें आर्थिक दृष्टि से सबसे लाभकारी मानी जाती हैं। लेकिन दिल्ली सरकार की निर्णय के बाद परिवहन विभाग की सिर्फ 175 बसें ही दिल्ली में प्रवेश कर पाएंगीं। इससे उत्तराखंड रोडवेज को बड़ा प्रभाव पड़ेगा जबकि उत्तराखंड से दिल्ली चलने वाले यात्री को कुछ समय की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उत्तराखंड रोडवेज की लगभग 350 बसें ऐसी हैं जो उत्तराखंड से दिल्ली रोड पर चलती हैं, जिनमें से अब एक जनवरी से BS6 मानक के अनुसार चलने वाली बसें ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगीं। BS4 मानक की बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगीं। इससे उत्तराखंड की लगभग 175 बसें प्रभावित होंगीं जो दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगीं। यह खबर उत्तराखंड से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रीयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बाद उन्हें कुछ समय तक की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में सिर्फ बीएस 6 बसों की एंट्री होगी!
उत्तराखंड परिवहन निगम ने स्पष्ट किया है कि उनकी बसों पर इस निर्णय का कोई प्रभाव नहीं होगा और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा इस पर कोई आदेश नहीं जारी किए गए हैं। यह मतलब है कि उत्तराखंड से दिल्ली की ओर जा रही बसें निरन्तर प्रवाहित रहेंगी, और इस पर कोई प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इस संदर्भ में, उत्तराखंड परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने यह बताया है कि फिलहाल उन्हें इस संबंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
उत्तराखंड रोडवेज़ पर पड़ेगा असर
उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा प्राप्त पत्र में उल्लेख किया गया है कि केवल उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से इलेक्ट्रिक सीएनजे बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है। हालांकि, जून से उत्तराखंड से बसों पर रोक लगने की संभावना है। उत्तराखंड परिवहन निगम की दिल्ली जाने वाली कुल 350 बसों में से केवल 175 बसें बीएस 6-अनुरूप हैं और प्रतिबंध के बाद प्रवेश के लिए पात्र हैं। धूल से प्रभावित क्षेत्र से लगभग 200 बसें दिल्ली जाती हैं, जिनमें से केवल 100 बीएस6 हैं। इस स्थिति का उत्तराखंड से दिल्ली में प्रवेश करने वाली बसों पर खासा असर पड़ सकता है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नियंत्रण के लिए लगातार प्रयास किए हैं। पिछले साल तीन बैठकों के बाद दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में केवल बीएस6 सीएनजी या इलेक्ट्रॉनिक बसों को अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। यह प्रतिबंध 1 जनवरी से प्रभावी होगा.