राजधानी दिल्ली में यूपी से पूरी तरह उलट नतीजे हैं। यहां की सभी 7 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अग्रणी है। इस परिस्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि यूपी में बीजेपी ने उम्मीदवारों को बदलने में सबसे बड़ी गलती की है।
लोकसभा चुनाव के परिणाम आ रहे हैं। रुझानों के अनुसार, NDA को बहुमत मिलता दिख रहा है, लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी केवल 33 सीटों पर अग्रणी है, जबकि एनडीए को 36 सीटें मिलती दिख रही हैं। सपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बन रही है, जिसे 36 सीटें मिल रही हैं, और इंडिया गठबंधन को 42 सीटें मिल रही हैं।
दिल्ली में, यूपी से पूरी तरह उलट नतीजे हैं। सभी 7 सीटों पर बीजेपी आगे है। यहां पर बीजेपी ने उम्मीदवारों को बदलने में गलती की जानी जा रही है, जिसके कारण जनता में गुस्सा है। इसका असर रुझानों में भी दिख रहा है। बीजेपी ने यूपी में सबसे कम टिकट दिए, और ज्यादातर सीटों पर मौजूदा सांसदों को ही फिर से उम्मीदवार बनाया।
इसके अलावा, दिल्ली में बीजेपी ने मनोज तिवारी को छोड़कर अन्य सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदला है, जिससे उन्हें चुनावी लाभ हो रहा है। बीजेपी सभी 7 सीटों पर अग्रणी है।
दिल्ली से कौन कौन उम्मीदवार मैदान में?
बीजेपी ने चांदनी चौक से प्रवीण खंडेलवाल, ईस्ट दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा, नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से मनोज तिवारी, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से योगेंद्र चंदोलिया, साउथ दिल्ली से रामवीर सिंह बिदूड़ी, और वेस्ट दिल्ली से कमलजीत शेरावत को टिकट दिया है। बीजेपी ने सिर्फ नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से मनोज तिवारी के टिकट को बरकरार रखा था, जबकि बाकी सभी सीटों पर बीजेपी ने नए उम्मीदवारों को उतारा।
दिल्ली में मनोज तिवारी कन्हैया कुमार के खिलाफ 1.5 लाख वोट से आगे चल रहे हैं। वहीं, नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज 50 हजार वोटों से आगे चल रही हैं। योगेंद्र चंदौलिया 1.8 लाख वोट से कांग्रेस के उदित राज से आगे चल रहे हैं।