मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घोषणा की है कि सरकार स्थिति को ध्यान से देखेगी और जरूरत पड़ने पर मंदिरों में श्रद्धालुओं के आगमन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों की मौजूदगी में, गुरुवार को पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोल दिया गया।
कोविड-19 महामारी के बाद से बंद किए गए मंदिर के तीन द्वार भगवान जगन्नाथ की ‘मंगल आरती’ अनुष्ठान के बाद फिर से खोल दिए गए हैं। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, कई भाजपा सांसद और पार्टी नेता मंदिर पहुंचे और भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर परिसर की परिक्रमा भी की।
मोहन चरण माझी ने पुरी में संवाददाताओं से कहा, ‘शपथ ग्रहण समारोह के बाद, भाजपा सरकार ने बुधवार की शाम को मंदिर के सभी चार द्वारों को फिर से खोलने का अपना पहला निर्णय लिया था। आज, मंगल आरती अनुष्ठान के बाद सुबह छह बज कर तीस मिनट पर द्वार फिर से खोल दिए गए।’
मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि सरकार स्थिति को बारीकी से देखेगी और जरूरत पड़ने पर मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुचारू बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार ने मंदिर के बेहतर प्रबंधन, रखरखाव और विकास के लिए 500 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में आगामी राज्य बजट में प्रावधान किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि उन्होंने जानने के लिए विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि महामारी के बाद मंदिर के तीन द्वार फिर से क्यों नहीं खोले गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए और उनसे मानव जाति की रक्षा करने और अगले पांच वर्षों तक ओडिशा के लोगों की सेवा करने की शक्ति देने का आशीर्वाद मांगा।’ मंदिर के सभी द्वार खोलना बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में एक प्रमुख वादा था। पिछली बीजू जनता दल (BJD) सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद से मंदिर के चार में से तीन द्वार बंद रखे थे। श्रद्धालुओं को केवल सिंहद्वार से प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जबकि मंदिर के अन्य तीन द्वार बंद रहे, जिससे श्रद्धालुओं को असुविधा हुई।