नीट परीक्षा में धांधली के आरोपों के चलते एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा को भी रद्द कर दिया है। इस परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था।
यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द: देश में इस समय दो प्रमुख परीक्षाओं को लेकर भारी विवाद चल रहा है। मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए होने वाली नीट परीक्षा में धांधली के आरोप लगे हैं और इसे रद्द करने की मांग उठ रही है। इसी बीच, नीट परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी ‘नेशनल टेस्टिंग एजेंसी’ (एनटीए) ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि यूजीसी-नेट परीक्षा की नई तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, जबकि नीट परीक्षा की जांच अभी जारी है।
गुरुवार, 20 जून को शिक्षा मंत्रालय ने नीट पेपर लीक और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द किए जाने के संबंध में प्रेस वार्ता की। मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने बताया कि यूजीसी-नेट परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी और छात्रों के हितों को सर्वोपरि माना जाएगा। इस वर्ष यूजीसी-नेट परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। फिलहाल, सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी गई है और यूजीसी-नेट केस की जांच की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नीट को लेकर तीन मुद्दे, ग्रेस मार्क्स की समस्या सुलझी: शिक्षा मंत्रालय
मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा, “नीट में कई अलग-अलग मुद्दे हैं, जिन्हें एक साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। पहला मुद्दा ग्रेस मार्क्स का था, दूसरा बिहार में पेपर में गड़बड़ी का आरोप है जिसकी जांच चल रही है, और तीसरा गुजरात में परीक्षा में धांधली का आरोप है। ये तीनों मुद्दे अलग-अलग प्रकार के हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “ग्रेस मार्क्स का मुद्दा पूरी तरह से सुलझा लिया गया है। बिहार में कथित पेपर लीक का मामला अभी आर्थिक अपराध इकाई द्वारा जांचा जा रहा है। हमने बिहार पुलिस को कुछ इनपुट्स दिए हैं और उनसे विस्तृत इनपुट्स की प्रतीक्षा कर रहे हैं। एक बार हमें बिहार पुलिस से विस्तृत इनपुट्स मिल जाने के बाद ही हम कार्रवाई करेंगे। हमारी कार्रवाई पूरी तरह से पुलिस के इनपुट्स पर निर्भर करेगी, क्योंकि जांच को सक्षम एजेंसियों के हाथ में छोड़ देना चाहिए।”
क्यों रद्द की गई यूजीसी-नेट परीक्षा?
गोविंद जायसवाल ने बताया, “एनटीए के माध्यम से 18 जून को आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने भाग लिया था। मंत्रालय को गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम सेंटर से कुछ इनपुट मिले, जिन्हें देखकर प्रथम दृष्टया में लगा कि परीक्षा में कुछ गड़बड़ी हुई है। इसके बाद मंत्रालय ने छात्रों के हित में तत्काल फैसला करते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया। अगली परीक्षा की तारीख के बारे में जल्द ही ऐलान किया जाएगा।”
उन्होंने जारी किया, “इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया है, ताकि अगर किसी व्यक्ति की परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनैतिकता की संभावना है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। एनटीए शिक्षा मंत्रालय के अधीन है और यहां देश में कुछ मुख्य परीक्षाओं का आयोजन करता है। नीट का आयोजन भी एनटीए की जिम्मेदारी है। पहले यह परीक्षा सीबीएसआई बोर्ड द्वारा होती थी, लेकिन अब यह एनटीए के द्वारा की जाती है। नीट के साथ-साथ यूजीसी-नेट की परीक्षा भी एनटीए आयोजित करता है।”