लोकसभा चुनाव में बीजेपी का उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने राज्य में केवल 36 सीटें जीतीं, जबकि इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर जीत हासिल की।
भाजपा समाचार: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हुए नुकसान पर चर्चा के लिए शनिवार (22 जून) को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक रिपोर्ट सौंपी। भूपेंद्र चौधरी जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे और उन्हें हार के कारणों की जानकारी दी। इस रिपोर्ट में उन वजहों का उल्लेख है, जिनके कारण यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रिपोर्ट सौंपने के बाद चौधरी नड्डा के आवास से निकल गए।
2019 के चुनाव में बीजेपी ने यूपी में 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि इस बार पार्टी केवल 36 सीटों पर ही सिमट गई है। बीजेपी को उम्मीद थी कि राम मंदिर निर्माण के बाद यूपी में उसकी जीत सुनिश्चित होगी और उसने 80 में से 70 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। लेकिन चुनावी नतीजों ने पार्टी की तैयारियों की पोल खोल दी। बीजेपी 70 तो दूर की बात, 40 से भी कम सीटों पर ही जीत सकी।
यूपी में हुए नुकसान की वजह से बीजेपी लगातार तीसरी बार बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। इस बार बीजेपी ने कुल 240 सीटों पर जीत हासिल की है।
यूपी की किन महत्वपूर्ण सीटों पर बीजेपी को मिली हार?
बीजेपी को पश्चिमी यूपी में कुछ सफलता मिली है, लेकिन पूर्वी यूपी में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। बलिया, गाजीपुर, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, जौनपुर, प्रतापगढ़, और प्रयागराज जैसी सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के लिए सबसे बड़ी हार फैजाबाद-अयोध्या सीट पर हुई, जहां राम मंदिर निर्माण के बाद बीजेपी की जीत को आसान माना जा रहा था, लेकिन सपा ने इस सीट पर जीत हासिल की।
भूपेंद्र चौधरी ने की थी इस्तीफे की पेशकश
यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने राज्य में मिली हार की जिम्मेदारी ली, हालांकि वह अभी तक इस पद पर बने हुए हैं। फिलहाल, चौधरी पार्टी को उन कारणों के बारे में बता रहे हैं जिनकी वजह से हार हुई है। यूपी में बीजेपी को 33 सीटें और एनडीए के अन्य सहयोगियों को तीन सीटें मिली थीं।