दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में जांच कर रही सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली की शराब नीति मामले में जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी मांगी है। सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति मामले में सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया। सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल ने कहा है कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
इससे पहले, 21 मार्च को, दिल्ली शराब नीति मामले में जांच कर रही ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। अब सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि उन्हें केजरीवाल से हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। सीबीआई ने यह भी कहा कि केजरीवाल यह नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे। सीबीआई के मुताबिक, केजरीवाल का कहना है कि विजय नायर अतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे।
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा, “सबसे पहले अदालत को यह देखना होगा कि क्या गिरफ्तारी की जरूरत थी? इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्या रिमांड की जरूरत है? सीबीआई चाहती है कि केजरीवाल हिरासत में ही रहें। क्या ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं या फिर ये लोगों को खुश करने के लिए खेल रही हैं? अगर यह आदमी वाकई दोषी था और उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, तो उन्होंने उसे पहले ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया?”
मुझे चुप रहने का अधिकार- केजरीवाल के वकील
विक्रम चौधरी ने कहा, “जांच अधिकारी को ठोस सबूत के जरिए यह साबित करना होगा कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। सहयोग न करना भी गिरफ्तारी का आधार नहीं है। सीबीआई का कहना है कि वे टालमटोल कर रहे थे, लेकिन मुझे (केजरीवाल) चुप रहने का भी अधिकार है।”
सीबीआई ने कहा, “इससे पहले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत पर थे। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। अगर इस बीच उन्हें गिरफ्तार किया जाता, तो गलत संदेश जाता। हम सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करना चाहते।”
कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तबीयत बिगड़ गई। उनका अचानक शुगर लेवल डाउन हो गया। इसके बाद उन्हें दूसरे कमरे में बैठाया गया और चाय और बिस्किट दिया गया। उस समय कोर्ट रूम में मुख्यमंत्री केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद थीं।